प्लास्टिक कचरा निस्तारण कार्ययोजना न देने पर राज्यों को भरना पड़ सकता है एक करोड़ रुपए का हर्जाना

नई दिल्ली। प्लास्टिक कचरे के व्यवस्थित निस्तारण की कार्ययोजना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को जमा नहीं करने पर करीब 25 राज्य सरकारों को एक-एक करोड़ रुपए का पर्यावरण हर्जाना भरना पड़ सकता है।

कार्ययोजना जमा करने की राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा तय 30 अप्रैल की समयसीमा निकल चुकी है। एनजीटी के आदेश के अनुसार राज्यों को सीपीसीबी को 30 अप्रैल तक कार्ययोजना जमा करनी थी।

ऐसा नहीं होने पर उन्हें एक करोड़ रुपए प्रति माह की दर से हर्जाना भरना होगा। इस मामले में राज्यों के खिलाफ कानूनी रुख अख्तियार करने वाले सीपीसीबी के पूर्व अतिरिक्त निदेशक एस के निगम ने बातचीत में कहा, राज्यों ने हमारे आदेश का पालन नहीं किया, इसलिए हम एनजीटी गए।

अब वे एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं तो उन्हें इसका हर्जाना भरना होगा। सजा में केवल जुर्माना नहीं, बल्कि कुछ मामलों में कैद भी शामिल है। निगम ने कहा कि प्लास्टिक और ठोस कचरा प्रबंधन के मामले में हालात बहुत खराब हैं तथा राज्य इन्हें प्राथमिकता नहीं देते।

उन्होंने कहा, हालत बहुत खराब है। नगर निगमों की प्राथमिकताओं की सूची में कचरा प्रबंधन अंतिम है। सीपीसीबी अब एनजीटी को आदेश का पालन नहीं होने के बारे में बताएगा और राज्यों को इस चूक के लिए भारी राशि जमा करनी होगी।

RELATED ARTICLES

भारत पर बुरी नजर रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना मेरी जिम्मेदारी, दिल्ली में बोले रक्षामंत्री

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम करना और भारत पर बुरी नजर रखने...

पहलगाम हमला : भारत के एक्शन के बाद अब पाकिस्तान ने भारतीय पोतों के लिए बंद किए अपने बंदरगाह

नयी दिल्ली। पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ नए दंडात्मक कदम उठाए जाने के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने...

Charadham Yatra : बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुले, चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से शुरू

बदरीनाथ। उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ मंदिर के कपाट छह माह बंद रहने के बाद रविवार सुबह फिर श्रद्धालुओं...

Latest Articles