दशलक्षण पर्व के सातवें दिन हुई उत्तम तप धर्म की पूजन
लखनऊ। जैन धर्म के सर्वोच्च पर्व दशलक्षण के सातवें दिन उत्तम तप धर्म की पूजन सभी जैन मंदिरों मे की गई । जैन मान्यता के अनुसार प्रत्येक श्रावक के 6 आवश्यक कार्य बताए गए हैं । देव वंदना , गुरूपास्ती , स्वाध्याय , संयम , तप और दान । तप करना प्रत्येक श्रावक का मूल धर्म है । आज व्यक्ति चका झ्र चौंध भरी इस दुनिया मे धर्म से दूर होता जा रहा है। पुराणों मे आचार्यों द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है की धर्म पर सच्चे श्रद्धान के बिना कल्याण होने वाला नहीं है । आज प्रात: इंदिरा नगर जैन मंदिर मे भगवान शांतिनाथ की विशेष पूजा की गई एवं अरविन्द जैन, आयुष जैन एवं डा आनंद जैन द्वारा भगवान को पंडुकशिला पर विराजमान कर अभिषेक एवं शांतिधारा की गई ।जैन समाज के महामंत्री अभिषेक जैन ने बताया की आज उत्तम तप के पावन दिन पर उपस्थित धर्मावलंबियों द्वार मंदिर मे चल रहे धर्मार्थ औषधालय की व्यवस्था मे दान कर सहयोग प्रदान किया एवं यह संकल्प भी लिया की जरूरत मंद को हर संभव इलाज मुहैया कराने मे सहयोगी बनेंगे । जैन समाज के अध्यक्ष पवन जैन ने आहवाहन किया की प्रत्येक जैन दशलक्षण के शेष दिनों मे भगवान का अभिषेक करने अवश्य उपस्थित होने का प्रयास करें मंदिर जी मे सम्पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है । इस अवसर पर दिव्य सनत अनुरोध संयम ललित आदि अनेकों लोग उपस्थित हुए ।