धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए गुरुगोविंद सिंह के आदर्शों पर चलना जरूरी : योगी

-शहर के गुरुद्वारों में धूमधाम से मनाया गया खालसा पंथ के स्थापना दिवस पर बैसाखी पर्व मनाया गया
लखनऊ। खालसा पंथ के 325वें स्थापना दिवस पर बैसाखी पर्व की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज गुरुगोबिंद सिंह महाराज के उपदेशों और आदर्शों पर चलने की बहुत अधिक आवश्यकता है ताकि देश व धर्म के साथ संस्कृति की रक्षा हो सके। आज ही के दिन गुरुगोबिंद सिंह महाराज ने देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने अपने चारों पुत्र देश की रक्षा के लिए बलिदान कर दिए थे और कोई दुख प्रकट नहीं किया था बल्कि संपूर्ण भारतवासियों की ओर से संगतों की ओर देखकर कहा था कि इन पुत्रों के शीश पर वार दिए सुत चार चार मुए तो क्या हुआ जीवत कई हजार।
नाका गुरुद्वारा में पहुंचे सीएम योगी ने गुरु महाराज के चरणों में माथा टेका। महाराज का आशीर्वाद लिया। पूरे सिख समाज व देशवासियों को खालसा पंथ के साजना दिवस व बैसाखी पर्व की बधाई दी। इस मौके पर मंत्री बल्देव सिंह औलख, भाजपा नेता नीरज सिंह, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, अल्ससंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह आदि प्रमुख रूप से रहे। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने सीएम व अन्य अतिथियों को गुरु घर का सम्मान सिरोपा व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

खालसा मेरो रूप है… से संगत हुई निहाल

नाका गुरुद्वारा में श्रद्धा व पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ बैसाखी पर्व मनाया गया। गुरुद्वारा में भव्य दीवान रंग बिरंगे गुब्बारों आदि से सजाया गया। श्रद्धालुओं ने सुबह से ही गुरुद्वारा पहुंचकर गुरुवाणी का रसपान किया। हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह ने पवित्र आसा दी वार का अमृतमयी शबद कीर्तन गायन कर वातावरण को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। अमृतसर से आए भाई सिमरनजीत सिंह ने खालसा मेरो रूप है, खालसे महि हौं करो निवास… शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल किया। अमृतसर से साबका प्रचारक दमदमी टकसाल ज्ञानी सुखदेव सिंह ने खालसा पंथ साजना दिवस पर गुरमत विचार व्यक्त किए। बनारस से भाई नरिन्दर सिंह ने गुर संगत कीनी खालसा मनमुखी दुहेला, वाह वाह गोबिंद सिंह आपे गुर चेला… गायन कर समूह संगत को मुग्ध कर दिया। माता गुजरी सत्संग सभा की सदस्याओं एंव सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने भी शबद कीर्तन गायन कर समूह साध संगत को भाव विभोर किया। अरदास के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं में लंगर का प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया। कार्यक्रम की व्यवस्था तरनजीत सिंह मक्कड़, हरमिन्दर सिंह टीटू की देखरेख में हुआ।

यहियागंज में शबद कीर्तन

यहियागंज के श्री गुरुतेग बहादुर साहिब गुरुद्वारा में बैसाखी पर शाम को विशेष दीवान सजाए गए। इस मौके पर विशेष रूप से अमृतसर से आए भाई अरविंदर सिंह नूर व भाई स्वरूप सिंह ने शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया। गुरुद्वारा सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि डॉ. गुरमीत सिंह के संयोजन में होने वाले आयोजन में रविवार को भी सुबह से देर शाम तक विशेष दीवान सजाए जाएंगे। जत्थेदार जसबीर सिंह की अगुवाई में अमृत संचार कराया जाएगा। वहीं, आलमबाग गुरुद्वारा में बैसाखी पर पंजाब से आए रागी जत्था भाई मनप्रीत सिंह व बीबी तरनप्रीत कौर ने कीर्तन कर संगत को भाव विभोर कर दिया। दरबार साहिब से आए कथाकार जगजीत सिंह ने खालसा पंथ के इतिहास को बताया। अंत में गुरु का लंगर संगतों को वितरित किया गया। कार्यक्रम में प्रधान में निर्मल सिंह, रतपाल सिंह गोल्डी, अर्जित सिंह, हरजीत सिंह, परमजीत सिंह, त्रिलोक सिंह, परविंदर सिंह, इकबाल सिंह, इंदरपाल सिंह, जसविंदर सिंह मनमोहन सिंह, अरविंदर सिंह आदि रहे।

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