ग्वालियर (मध्यप्रदेश)। मध्यप्रदेश में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत होने के बीच, ग्वालियर में एक सरकारी अस्पताल द्वारा एक बच्चे को दी गई एंटीबायोटिक दवा की शीशी में कीड़े मिलने की शिकायत सामने आई है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी बताया कि बच्चे की मां की ओर से की गई शिकायत के बाद मुरार स्थित सरकारी अस्पताल में एजीथ्रोमाइसिन
नाम की इस दवा का अब पूरा भंडार सील करके इसके नमूने भोपाल स्थित एक प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं।
जीथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक दवा आमतौर पर बच्चों को सामान्य संक्रमण की स्थिति में दी जाती है। अधिकारियों के मुताबिक, यह दवा जेनरिक है और मध्यप्रदेश की एक कंपनी द्वारा बनाई गई है। औषधि निरीक्षक अनुभूति शर्मा ने कहा, मुरार स्थित सरकारी अस्पताल में एक महिला ने एजीथ्रोमाइसिन ओरल सस्पेंशन की बोतल में कीड़े होने की शिकायत की थी।
उन्होंने कहा कि हालांकि महिला दवा की जिस शीशी को लेकर आई थी, वह खुली हुई थी लेकिन इसके बावजूद मामले की तुरंत जांच की गई। शर्मा ने बताया कि मुरार स्थित अस्पताल में रखी गर्इं और वितरित की गर्इं इस दवा की सभी 306 शीशियों को वापस मंगाकर जब्त कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि दवा की कुछ शीशियों की प्रारंभिक जांच करने पर कीड़े जैसा कुछ नहीं दिखाई दिया, किंतु इसका परीक्षण होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इसमें से कुछ शीशियों को जांच के लिए भोपाल स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया है। शर्मा ने बताया कि इस दवा का नमूना कोलकाता स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला में भी भेजा जाएगा। दवाई की शीशी में कीड़े होने का यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से संदिग्ध रूप से किडनी खराब होने के कारण अब तक 24 बच्चों की मौत हो चुकी है।