सरकारी अस्पताल में नहीं मिला वेंटीलेटर
वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था निजी अस्पतालों को लूट का मौका दे रही है। इसी का खामियाजा एक मरीज व उसके परिवाजनों को भुगतना पड़ा। प्राइवेट अस्तपाल ने इलाज के नाम पर मरीज से तीन दिन में डेढ़ लाख रूपये वसूल लिये और रूपया खर्च न कर पाने की स्थिति में उसे सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया, जहां इलाज न मिलने पर उसकी मौत हो गयी।
बाराबंकी निवासी 55 वर्षीय उस्मान 55 अचानक घर में गिरकर बेहोश हो गये। आनन-फानन में परिजन पास के अस्पताल में गये, जहां राहत न मिलने पर बीते मंगलवार परिजन लोहिया संस्थान लेकर पहुंचे। वहां पर वेंटीलेटर खाली न होने पर उसे दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। इसी बीच मरीज चिनहट स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां पर तीन दिन तक भर्ती रहने दौरान करीब डेढ़ लाख रुपए वसूल लिए गए।
परिजनों ने जब और रूपये खर्च करने में असमर्थता जतायी तो परिजन आक्सीजन सपोर्ट पर शुक्रवार बलरामपुर अस्पताल लेकर गये। जहां इमरजेंसी में भर्ती कर लिया। आईसीयू में एक भी बेड खाली न होने की वजह से उसे इमरजेंसी में आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। देर रात इलाज दौरान उसकी मौत हो गई। बेटे सलमान ने निजी अस्पताल पर वसूली का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत करने की बात कही है।