श्रीकृष्ण की लीला में हुए खाटू श्याम के दर्शन

चैती महोत्सव का नवां दिन

लखनऊ । ऐशबाग रामलीला मैदान में चल रहे भारतीय नव वर्ष मेला एवं चैती महोत्सव में सोमवार को तुलसी रंगमंच पर आयोजित श्रीकृष्ण लीला के मंचन में बदले की आग में जल रहा धृष्टराष्ट्र पुत्र दुर्योधन अपने मामा शुकुनी के साथ मिलकर षणयंत्र रचित चौपड़ की बिसात बिछाता है जहां पाण्डवों को जुआं खेलने के लिए न्यौता दिया जाता है । जुएं में अपना सब कुछ हार चुके पाण्डव द्रौपदी को भी दांव मे हार जाते हैं । इसके बाद दुर्योधन अपने भाई दु:शासन को द्रौपदी को भरी सभा मे लाने का आदेश देता है दु:शासन द्रौपदी को बालों से खींचता हुआ सभा में लाता है जिसके बाद बदले की आग में जलता दुर्योधन बदला लेने के लिए द्रौपदी के चीर-हरण का आदेश देता है तब पांचाली की पुकार सुन श्री कृष्ण द्रौपदी की मदद करते हैं और उसकी लाज बचाते हैं ।
कृष्णलीला में ऋषि दुवार्षा प्रसंग, बर्बरीक संवाद और खाटू श्याम की कथा का भी मंचन किया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत शिव स्तुति के साथ की गई इसके बाद कृष्ण भजन, शिव स्त्रोत व कृष्ण महारास से हुई जिसे लवली घिल्डियाल के निर्देशन में मलखान सिंह, मनीषा यादव, मौसमी भारती, दीप्ति मिश्रा, रूहानिका त्रिवेदी एवं आद्या ने प्रस्तुत किया । इसके बाद कॉमर्स स्फेयर एंड डांस स्फेयर द्वारा सचिन श्रीवास्तव के निर्देशन में नृत्य शिक्षिका स्वाति श्रीवास्तव ने तुलसी मंच पर भारतीय संस्कृति से ओत प्रोत कथक नृत्य कला की प्रतिभा को कथक नृत्य द्वारा अपने शिष्य शिष्याओं आकांक्षा,यशिका,स्वस्तिका, अनन्या,साक्षी,राशि, वर्तिका, एना काव्या,शगुन, संगिनी, मित्रा,श्रेया, दियाश्री, अनिका, जान्हवी,वेदांश और देवांश के साथ प्रदर्शित किया।
स्वाति श्रीवास्तव ने सांस्कृतिक मंच पर शुभारंभ कथक नृत्य के माध्यम से कृष्ण जन्म एवं बधाई गीत से किया उसके बाद भजे बृजेक वृंदावन कुञ्ज भवन नाचत गिरधारी और कथक पर आधारित कवित्य पर शुद्ध नृत्य व मुरलीधर कान्हा गीत पर समूह नृत्य की प्रस्तुति दीं। ऐशबाग रामलीला समिति के अध्यक्ष हरीशचन्द्र अग्रवाल ने बताया मंगलवार को चैती महोत्सव का समापन कृष्णलीला का समापन गीता के ज्ञान और सुदामा चरित्र के साथ फूलों की होली से किया जाएगा ।

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