नई दिल्ली। अनानास के बाद सीताफल को लेकर चीन और ताइवान आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, चीन ने ताइवान से दो किस्मों के सीताफल आयात करने से मना कर दिया है। चीन का कहना है कि ताइवान से आयात हो रहे सीताफल में खतरनाक कीटाणु हैं। इसे लेकर ढाई करोड़ की आबादी वाले ताइवान ने 140 करोड़ की आबादी वाले चीन को धमकी दे डाली। ताइवान ने कहा है कि चीन फलों को लेकर बिगड़ते व्यापारिक संबंधों का हल 30 सितंबर तक निकाले। अगर चीन ऐसा नहीं करता है तो वह मामले को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) जाएगा। वहीं चीन का कहना है कि ताइवान के फलों में प्लानोकोकस माइनर नाम के कीटाणु मिल रहे हैं।
यह जानते हुए भी यदि चीन उनके फल आयात करता है तो उससे देश की जनता को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए चीनी सरकार ने ताइवान के फलों का आयात रोकने का फैसला लिया है। इसके जवाब में ताइवान के कृषि मंत्री चेन चू चुंग ने कहा कि चीन के आरोपों में कोई दम नहीं है। वह बिना किसी वैज्ञानिक तथ्य बताए आयात पर रोक की बात कर रहा है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
ताइवान सरकार ने अपने किसानों को नुकसान से बचाने के लिए 3.6 मिलियन डॉलर (करीब 26.50 करोड़ रुपए) की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। ताइवान सरकार का कहना है कि हम अपने किसानों को अधर में नहीं छोड़ सकते। रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहला मौका नहीं है, जब ताइवान और चीन आमने सामने हैं। ताइवान पर हक जताने को लेकर दोनों देशों के बीच दशकों से विवाद चला आ रहा है।