फिल्ममेकर राजकुमार हिरानी ने फीचर फिल्म्स और एडवरटाइजमेंट के बीच के फर्क पर की बात

हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में सभी के पसंदीदा फिल्ममेकर राजकुमार हिरानी ने फीचर फिल्म्स और एडवरटाइजमेंट के बीच के फर्क और उनके चैलेंजेस के बारे में बात की है। हिरानी ने कहा, “मेरे लिए फीचर फिल्म्स फिजिकली थकाने वाले होते हैं क्योंकि इसमें एक से दो साल लगते हैं।”

इसके उलट, हिरानी ने एडवरटाइजिंग प्रोजेक्ट्स पर ज्यादा रिलैक्स नजरिया शेयर करते हुए कहा है, “मुझे ऐड फिल्म बनाने में बहुत मजा आता है क्योंकि वह काम की तरह लगता ही नहीं है। वह एक से दो दिन की शूट की तरह लगता है, जिसे करने में बहुत मजा आता है। मैंने एडवरटाइजिंग से ही शुरुआत की थी इसलिए उसमें वापस जाना हमेशा से बेहद मजेदार होता है।”

हिरानी के विचार बताते हैं कि फीचर फिल्में और एडवरटाइजमेंट अपने-अपने तरीके से अलग और फायदेमंद हैं। वह कहानी कहने को लेकर हमेशा उत्साहित रहते हैं, चाहे वह फिल्म बनाने का लंबा प्रोसेस हो या एडवरटाइजमेंट का जल्दी ने नजर आने वाला इंपैक्ट।

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