लखनऊ के मलिहाबाद का दशहरी आम देश-दुनिया में फेमस है. इसी बीच सोमवार को आम की बागवानी करने वाले किसानों के लिए बेहद खुशखबरी वाली खबर सामने आई है। देश में पहली बार लखनऊ के मलिहाबादी दशहरी आम को आई टैग 125 का यूजर सर्टिफिकेट मिल गया है। इससे असली और नकली दशहरी आम की पहचान आसानी से हो जाएगी। अवध आम उत्पादक बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह बताते हैं कि दशहरी आम को बहुत पहले मिल चुका था, लेकिन अब उसके उत्पाद को बेचने के लिए एक एप्लीकेशन देने पड़ती है कि हम आई टैग 125 नाम से मलिहाबादी दशहरी आम को मार्केट में बेचेंगे। जब तक आपको चेन्नाई से यूजर सर्टिफिकेट नहीं मिलता है, आप मलिहाबादी दशहरी के नाम से नहीं बेच सकते हैं।
असली और नकली मलिहाबादी दशहरी आम की होगी पहचान
समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हम लोगों ने एक प्रार्थना पत्र जिला उद्यान अधिकारी के यहां दिया, वहां से राष्ट्रीय उद्यान की टीम द्वारा सर्वे किया था। उसके बाद मार्च में हमको चेन्नाई से आई टैग 125 नाम से मलिहाबादी दशहरी आम का यूजर सर्टिफिकेट जारी हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली है कि लखनऊ के अवध आम उत्पादक बागवानी समिति को यूजर सर्टिफिकेट मिला है। इससे पहले किसी को जारी नहीं हुआ है। उन्नाव, संडीला, बाराबंकी और जिले के कई किसान मलिहाबादी दशहरी आम के नाम से बेचते हैं, लेकिन अब असली और नकली में पहचान आसानी से हो जाएगी। अगर कोई गलत नाम से दहशरी नाम को बेचते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ धारा-420 के तहत केस दर्ज हो जाएगा।
50 लाख बैगिंग करने वाले किसान मौजूद
उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में 750 किसान अवध आम उत्पादक बागवानी समिति से जुड़े हुए है। जिनको सीधे रूप से बड़ा फायदा होगा, वहीं अब आई टैग 125 का यूजर सर्टिफिकेट मिलने के बाद आमदनी डबल हो जाएगी। उन्होंने बताया कि कोई भी किसान डिब्बे के उपर अपना नाम और मोबाइल नंबर लिखकर देश-विदेश में एक्सपोर्ट कर सकते हैं।
50 लाख बैगिंग वाले किसान आज मौजूद है, यानी डेढ़ हजार हेक्टेयर हम लोगों के पास बैगिंग वाले दहशरी आम के किसान है। नान बैगिंग वाले आम की कीमत मार्केट में कम मिलती है। जबकि बैगिंग वाले आम की वैरायटी की मार्केट में बहुत अधिक डिमांड रहती है।
दशहरी का स्वाद आज भी बरकरार
अवध आम उत्पादक बागवानी समिति के महासचिव ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में मलिहाबादी दशहरी आम को आई टैग 125 को लांच किया। वहीं उत्तर प्रदेश और देश में करीब 70 फीसदी लोग आज भी दशहरी आम का ही स्वाद पसंद करते हैं. बाजार में जब भी वो आम खरीदने जाते हैं तो उनकी पहली पसंद दशहरी ही होता है। हालांकि अब नई वैरायटी के आम एक-एक करके दशहरी को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। लेकिन दशहरी का अपना स्वाद आज भी बरकरार है।