रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि अयोध्या नगरी को अंतत: वह सम्मान मिल गया है, जिसकी वह हकदार थी और जो उसे आजादी के तुरंत बाद मिलना चाहिए था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बलबीर पुंज की पुस्तक टस्ट विद अयोध्या के विमोचन के अवसर पर सिंह ने कहा कि हिंदुओं के लिए अयोध्या वही है, जो मुसलमानों के लिए मक्का है और ईसाइयों के लिए यरूशलम है। उन्होंने कहा कि वे चंद लोग हाशिए पर चले गए हैं, जो भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे।
सिंह ने कहा, इस देश में ऐसे लोग थे जो (भगवान) राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे। वे उन्हें एक काल्पनिक चरित्र कहते थे। ऐसे लोग हाशिए पर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग भगवान राम पर सवाल उठाते थे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण वे भी अब रामधुन गा रहे हैं। सिंह ने कहा, राम के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। रक्षा मंत्री ने कहा, आज अयोध्या को वह स्थान मिल गया है, जो आजादी के तुरंत बाद मिलना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि किताब इस बात की पड़ताल करती है कि उस समय ऐसा क्यों नहीं हुआ। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, यह उपनिवेशवाद से मुक्ति और पुनर्जागरण का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर का मुद्दा कभी भी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच टकराव का मुद्दा नहीं था, बल्कि वोट बैंक की राजनीति के लिए इसे ऐसा बना दिया गया था।
लेखक बलबीर पुंज ने दावा किया कि राम मंदिर मुद्दा क्षेत्र के हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बहस का विषय नहीं था। उन्होंने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू नहीं चाहते थे कि उस स्थान पर मंदिर का निर्माण हो। पुंज ने आरोप लगाया, नेहरू की नफरत सोमनाथ या अयोध्या तक सीमित नहीं थी, उन्हें मंदिरों से नफरत थी। इस कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह भी उपस्थित थे।





