अमेठी (उप्र)। अमेठी से नवनिर्वाचित सांसद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के करीबी माने जाने वाले, बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर कथित तौर पर हत्या कर दी।
अपर पुलिस अधीक्षक दया राम ने रविवार को बताया कि बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान स्थानीय भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह को शनिवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी । उन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।
घटना की जांच जारी है। इस बीच लखनऊ में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा, हमें पुरानी रंजिश का पता चला है। हम यह भी पता कर रहे हैं कि कहीं कोई राजनीतिक दुश्मनी तो नहीं थी।
उप्र पुलिस की टीमें सघन जांच कर रही हैं। अब तक हमने सात लोगों को हिरासत में लिया है। हमें इलेक्ट्रानिक सर्विलांस से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी मिले हैं। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि अगले 12 घंटे में हम हत्या की वजह का पता कर लेंगे।
सभी संभावित पहलुओं को देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता की मौत अत्यंत दुखद है। वह परिश्रमी कार्यकर्ता थे। भले ही हत्यारे जमीन के भीतर क्यों ना छिपे हों, उन्हें पकड़ लिया जाएगा। इस घटना से पूरी अमेठी दुखी है। उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई गुंजाइश नहीं है।
हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। सिंह की हत्या पर भाजपा के अमेठी लोकसभा क्षेत्र के संयोजक राजेश अग्रहरि ने भाषा से कहा, कांग्रेस की हताशा और घटना के हालात को देखते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। राजेश ने कहा कि चुनाव के बाद से कांग्रेस में हताशा है इसलिए घटना की गहन जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्वाई की जाए।
पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि इस घटना के राजनैतिक हत्या होने से इंकार नहीं किया जा सकता। सभी पहलुओं पर जांच हो रही है। सिंह पूर्व प्रधान रहे हैं इसलिए यह पुरानी रंजिश का मामला भी हो सकता है। लोकसभा चुनाव के दौरान जूता वितरण प्रकरण में सुरेंद्र सिंह काफी चर्चा में रहे थे।
उन्हें स्मृति ईरानी का करीबी माना जाता था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने स्मृति ईरानी पर बरौलिया गांव के लोगों को जूते बांटने का आरोप लगाते हुए इसे अमेठी के लोगों का अपमान बताया था। बरौलिया गांव को पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर र्पिकर ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था।