लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार ने लम्बे अध्ययन तथा विचार-विमर्श के बाद तय किया है कि चुनाव की तिथि से 30 दिन के अंदर मृत शिक्षकों तथा सरकारी कर्मियों के परिवार के लोगों को आर्थिक सहायता के रूप में 30-30 लाख रुपया की धनराशि प्रदान करने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में ले लिया गया। इसके अलावा कोरोना महामारी के कारण सूबे में कई बच्चों के माता-पिता का असमय देहान्त हो गया, ऐसे में इन बच्चों के लालन-पालन से लेकर विकास के सभी संसाधन उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई कैबिनेट ने सोमवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये। पंचायत चुनाव की डयूटी की अवधि में अनुग्रह धनराशि को पात्रता के लिये निर्वाचन डयूटी की तिथि से 30 दिन के अंदर कोविड-19 की वजह से होने वाली मृत्यु को पात्रता में लाया गया है। कोरोना से मृत्यु के साक्ष्य के लिये एंटीजेन, आरटीपीसीआर की पॉजिटिव रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट व सीटी स्कैन में कोविड-19 का इंफेक्सन होना माना जा सकता है। कोविड-19 के मरीज का कतिपय परिस्थितियों में टेस्ट में निगेटिव आने के बाद भी पोस्ट कोविड काम्प्लीकेशन से उसकी मृत्यु हो सकती है। यह मृत्यु भी कोविड-19 की वजह से ही मानी जाती है।
ऐसे में इस प्रकरण को तीस दिन के अंदर मृत्यु की दशा में कवर किया जा सकता है। इस संबंध में अध्यक्ष स्टेट एडवाइजरी बोर्ड आॅन कोविड-19 व निदेशक एसजीपीजीआई ने सहमति दी है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई के साथ ही विवाह का खर्च सरकार देगी। इनकी आॅनलाइन पढ़ाई के लिए सरकार लैपटॉप व टेबलेट भी उपलब्ध करायेगी। उत्तर प्रदेश में 197 ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने कोविड-19 की वजह से अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है। वहीं, 1790 ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता में से किसी एक का निधन हुआ है, लेकिन ऐसे बच्चों की जांच जायेगी ताकि पता लगाया जा सके कि उनके माता या पिता की वार्षिक आय कितनी है।
उत्तर प्रदेश में करीब एक हजार ऐसे बच्चे होंगे जिन्हें ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत सहायता मिलेगी। इस योजना के तहत बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को 4,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। दस वर्ष की आयु से कम उम्र के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों को प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्र सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में देखभाल की जाएगी। बता दें कि मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर में राजकीय बाल गृह (शिशु) संचालित हैं।
मंत्रिमंडल ने मंगलवार से सूबे के सभी जिलों में वैक्सीनेशन की उपलब्धता संबंधी प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी है। इस प्रस्ताव के तहत मंगलवार से ही सभी जिलों में 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हो जायेगा इसके अलावा 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के वैक्सीनेशन के लिये अभिभावक स्पेशल बूथ भी संचालित किया जायेगा। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवेज के संचालित निर्माण कार्य के लिये खनन क्षेत्र को आरक्षित किया है।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ परिसर में उन्नत मधुमेह केन्द्र भवन के निर्माण कार्यों के लिये उच्च विशिष्टियां प्रयोग करने की मंजूरी दी है। मेरठ में मुख्यमंत्री ने शूटिंग रेंज के निर्माण की घोषणा की थी। इस घोषणा संबंधी प्रस्ताव को भी सोमवार को निर्णय लिया गया। लखनऊ में गुरू गोविंद सिंह स्पोर्टस कालेज में वेलोड्रोम का निर्माण किया जायेगा।