काठमांडू । नेपाल की राजधानी काठमांडू में बीते दिनों भड़के हिंसक प्रदर्शनों के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य करने की कोशिशें जारी हैं। गुरुवार को सेना ने बताया कि प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच बातचीत का दौर चल रहा है, जिसमें देश के लिए नए अंतरिम प्रधानमंत्री के चयन पर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है।
सेना के प्रवक्ता राजा राम बस्नेत ने बताया कि “प्रारंभिक बातचीत शुरू हो चुकी है और आज भी जारी रहेगी। हमारा प्रयास है कि हालात को धीरे-धीरे सामान्य किया जा सके।
नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, प्रदर्शनों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,033 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में कर्फ्यू जैसे निषेधाज्ञा आदेश लागू हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाएँ सुचारु रूप से जारी हैं।
इन प्रदर्शनों को ‘Gen Z प्रोटेस्ट’ कहा जा रहा है क्योंकि इसमें सबसे बड़ी भागीदारी युवाओं की रही, जिन्होंने भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को लेकर गुस्सा जताया। प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम आगे रखा है। कार्की ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा,जब मुझसे अनुरोध किया गया, तो मैंने स्वीकार कर लिया।
सरकार द्वारा फेसबुक, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद शुरू हुआ आंदोलन धीरे-धीरे बड़े विद्रोह में बदल गया। पुलिस द्वारा आंसू गैस और रबर की गोलियों के इस्तेमाल के बाद हिंसा और बढ़ी। सरकारी इमारतें, मंत्रियों के आवास और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का निजी निवास तक आग के हवाले कर दिया गया।
प्रदर्शनकारियों ने पोखरा के कई होटलों और काठमांडू स्थित हिल्टन होटल को भी आग लगा दी। पर्यटन पर निर्भर नेपाल की अर्थव्यवस्था को इस अस्थिरता से बड़ा झटका लगा है। प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद भड़की आग फिलहाल शांत होती दिख रही है, लेकिन देश का भविष्य अब इस बात पर टिका है कि सेना और युवाओं के बीच अंतरिम नेतृत्व पर कैसी सहमति बनती है।