संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली की पहली महिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पंडित ने 1977 के आम चुनाव के दौरान मेरठ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि चुनावी वायदे चुनाव में ही रह जाते हैं। हर चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र शायद उनकी बात को सच करने के लिए ही लिखे व जारी किये जाते हैं।
वैसे भी चुनाव आयोग के मॉडल कोड आॅफ कंडक्ट में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है जो राजनीतिक दलों को बड़े-बड़े (संभवत: बेतुके भी) वायदे करने से रोकता हो- वह मनचले आशिक की तरह आसमान से तारे तोड़कर लाने का भी वायदा कर सकते हैं, आखिर वायदा वफा तो करना है नहीं। यही वजह है कि हरियाणा के ‘सियासी ताऊ चौधरी देवीलाल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था- घोषणापत्रों को कौन पढ़ता है, उनका आशय यह था कि घोषणापत्रों को कोई गंभीरता से नहीं लेता है।
बहरहाल, बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए जारी किये गये अपने घोषणापत्र में जो ‘प्रत्येक बिहारी को मुफ्त कोविड वैक्सीन देने का वायदा किया है, उस पर राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया है, जिसके मुख्यत: चार कारण हैं। एक, आज जब भारत सहित पूरा विश्व नया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है तो ऐसे में वैक्सीन का राजनीतिकरण करना विवाद को आमंत्रित करना है।
दो, वैक्सीन वितरण के संदर्भ में आवश्यकता राष्ट्रीय नीति की है, लेकिन इसे एक राज्य के चुनाव से जोड़ देने से इन प्रश्नों का उठना स्वाभाविक है कि क्या वैक्सीन वायदे के लिए अन्य राज्यों को अपने यहां चुनाव होने का इंतजार करना होगा? और यह भी कि क्या मुफ्त वैक्सीन सिर्फ बिहारियों को ही मिलेगी बाकी भारतीयों को नहीं? तीन, वैक्सीन वायदा ऐसी पृष्ठभूमि में किया गया है जब कोविड वैक्सीन डिलीवरी को अप्रमाणित डिजिटल सिस्टम से जोड़ने पर पहले ही चिंताएं व्यक्त की जा रही थीं। अंतिम यह कि अभी कोविड वैक्सीन आयी नहीं है तो ‘न सूत न कपास, जुलाहे में लट्ठम-लट्ठा की तरह इस पर जमकर सियासत क्यों हो रही है?
तमिलनाडु, कर्नाटक व मध्य प्रदेश भी मुफ्त वैक्सीन के रथ पर सवार हो गये हैं। गौरतलब है कि बिहार चुनावों के लिए बीजेपी का घोषणापत्र जारी करते हुए केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, जैसे ही बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध होगी, तो बिहार में प्रत्येक व्यक्ति का मुफ्त टीकाकरण किया जायेगा। यह हमारे चुनाव घोषणापत्र में पहला वायदा है। इस बात की जब चौतरफा आलोचना हुई तो बीजेपी को मजबूरन सफाई देनी पड़ी कि सभी कार्यक्रमों की तरह केंद्र मामूली दाम पर राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध करायेगा। ‘यह राज्यों को तय करना होगा कि वह वैक्सीन मुफ्त देंगे या कीमत लेकर। स्वास्थ्य चूंकि राज्य का विषय है, इसलिए बिहार बीजेपी ने तय किया है कि वह वैक्सीन मुफ्त में देगी।