मंगला गौरी व्रत की शुरूआत मंगलवार 15 जुलाई से होगी
लखनऊ। मंगला गौरी का व्रत हर साल सावन मास के मंगलवार के दिन रखा जाता है। ऐसे में सावन में आने वाले सभी मंगलवार का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं औक कुंवारी कन्या दोनों ही रखती हैं। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित है। मंगला गौरी व्रत को बहुत ही शुभ फलदायी बताया गया है। आइए जानते हैं इस बार कितने मंगला गौरी व्रत होंगे साथ ही जानते हैं इस व्रत की क्या है तारीख।
मंगला गौरी व्रत की शुरूआत मंगलवार 15 जुलाई से होगी। इस बार कुल 4 मंगला गौरी व्रत होंगे। इस दिन माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती है। जबकि वहीं, कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिए इस व्रत को रखती हैं।
मंगला गौरी व्रत का महत्व:
मंगला गौरी व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखती है। साथ ही घर परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। इसके लिए भी यह व्रत रखा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से पति पत्नी के बीच के रिश्ते मधुर होते हैं। इसके अलावा संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है। यदि किसी कन्या के विवाह में बाधाएं आ रही है मांगलिक दोष है तो वह भी इस व्रत को रख सकते हैं।
पूजा विधि:
सावन के पहले मंगला गौरी व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद साफ लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं। फिर चौकी पर मां गौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। व्रत का संकल्प लेकर आटे से बना हुआ दीपक प्रज्वलित करें। इसके बाद धूप, नैवेद्य फल.फूल आदि से मां गौरी का पूजन करें। पूजा पूर्ण होने पर मां गौरी की आरती करें और उनसे प्रार्थना करें।