लखनऊ में हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठे शिवालय

सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, भक्तों ने किया रुद्राभिषेक

लखनऊ। शिव आराधना को समर्पित सावन महीने का पहले सोमवार पर मंदिरों में दर्शन, पूजन, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर-हर महादेव की गूंज के बीच दर्शन पूजन का सिलसिला शुरू हुआ। सावन के पहले सोमवार के लिए शिव मंदिरा में विशेष तैयारियां भी की गई थीं। शहर के शिव मंदिरों में महादेव का अलग-अलग श्रृंगार भोर से ही शुरू हो गया था।
सावन के पहले सोमवार के चलते डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर में भव्य सजावट की गई है। दूर से ही मंदिर की आभा देखते ही बन रही है। मनकामेश्वर मंदिर में महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग लाइन का प्रबंध किया गया है। वहीं एक-एक अलग कोने से महिलाओं और पुरुषों ने महादेव का जलाभिषेक किया। चौक स्थित कोनेश्वर महादेव मंदिर में भी बाबा के श्रृंगार और पूजन के लिए विशेष तैयारियां की गईं। राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर में सावन के सोमवार पर भोर चार बजे भस्म आरती हुई। भस्म आरती में शामिल होने के लिए दूर दराज से भी आए भक्तजन शामिल हुए। बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में भी अलग-अलग टोलियां बाबा का विशेष श्रृंगार करने के लिए तैयार रहीं। बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में सावन में भक्तों की भीड़ उमड़ने के चलते दर्शन के लिए जिग जैक रेलिंग की व्यवस्था की गई है। नारियल बाहर ही तोड़ने का प्रबंध किया गया। यहां ऐतिहासिक सावन मेला भी माह भर लगा रहेगा।

आरती के बाद खोले गये मंदिरों के पट:
मनकामेश्वर मंदिर-मठ में तड़के महंत देव्यागिरी द्वारा श्रृंगार और आरती के बाद पट भक्तों के लिए खोल दिए गए। भोले के भक्त भी देर रात से लाइन लगाकर मंदिर खुलने का इंतजार करते दिखे। भक्त हाथों में गंगाजल, दूध आदि लिए लंबी लाइन लगाकर खड़े हुए थे। इस दौरान हर कोई ‘हर-हर महादेव’, ‘भोलेनाथ की जय’ का जयघोष कर रहा था। वहीं, मौसम ने भी भक्तों की परीक्षा ली। भक्त धूप व गर्मी की परवाह किए बगैर घंटों लाइन में खड़े रहे। जलाभिषेक करने के लिए मंदिर में अरघा लगाए गए थे। यहां महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था थी। भक्तों का जोश देखते ही बन रहा था।

भस्म आरती के बाद दर्शन :
राजेंद्रनगर स्थित महाकाल मंदिर में तड़के 4 बजे उज्जैन की तर्ज पर भस्म आरती का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने भी हिस्सा लिया। भस्म आरती का सोशल मीडिया पर लाइव टेलीकास्ट भी किया गया। वहीं, महादेव का फूलों से भव्य श्रृंगार हुया। शाम को भांग का भव्य श्रृंगार किया गया। चौक स्थित कोनेश्वर मंदिर में भी भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन किए। इस दौरान महादेव का श्रृंगार देखते ही बन रहा था। मंदिर समिति द्वारा इस अवसर पर भक्तों में ठंडाई बतौर प्रसाद वितरित की गई।

रुद्राभिषेक किया गया :
सदर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर में महाआरती के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। इस दौरान कई भक्तों द्वारा रुद्राभिषेक भी किया गया। इसके अलावा बड़ा-छोटा शिवाला, गुलाचिन मंदिर, चंद्रकेश्वर महादेव मंदिर समेत अन्य शिवालयों में भी भक्तों ने विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा की।

व्रत के साथ घरों में हुआ पूजन:
भोले के भक्तों द्वारा पहले सावन पर व्रत भी रखा गया। घरों में भी भोलेनाथ की पूजा की गई और रुद्राभिषेक का भी आयोजन किया गया। इस दौरान भोले के भक्तों द्वारा सुख-शांति और मंगल की कामना की गई।

जयकारों से गूंजा प्राचीन पौराणिक भंवरेश्वर महादेव मंदिर:

तीन जनपदों की सीमा ओर स्थित पौराणिक काल के प्राचीन शिवमंदिर में श्रावण मास के पहले सोमवार को मध्य रात्रि से ही शिव भक्तों का तांता लगा रहा मध्यरात्रि से ही मंदिर के कपाटखुलते मंदिर हर पर महादेव, बम बम भोले के नारों से गूंजने लगा शाम तक लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर भगवान भोले नाथ के दर्शन किये। लखनऊ उन्नाव व रायबरेली की सीमा पर सी नदी के किनारे स्थित प्राचीन व पौराणिक काल से ही इस मंदिर के प्रति लोगों में एक अलग ही धार्मिक महत्व है लोगों का मानना है कि द्वापर युग में यहां पर त्र्यंबक नामक वन हुआ करता था जहां पर पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान ठहरे हुए थे तो पांडव पुत्र महाबली भीम ने इस शिवलिंग को स्थापित किया था

यहां भी दर्शन को उमड़े श्रद्धालु:
चौक के रानी कटरा स्थित के छोटा व बड़ा शिवाला, कोनेश्वर मंदिर, आशियाना के सेक्टर.एच स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर, बंगलाबाजार के श्री रामजानकी मंदिर, मौनी बाबा मंदिर व गुलाचिन मंदिर के अलावा सिद्धेश्वर मंदिर, गोमतेश्वर मंदिर व विन्ध्याचल मंदिर के अलावा शहर के सभी शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं। स्वप्नेश्वर महादेव मंदिर, इंदिरानगर भूतनाथ मंदिर, महानगर के सिद्धेश्वर मंदिर, राजाजीपुरम, सआदतगंज, आलमबाग, चिनहट के अलावा बख्शी का तलाब के मां चंद्रिका देवी मंदिर के चंद्रकेश्वर महादेव मंदिर, कालेश्वर महादेव मंदिर, इटौंजा के रत्नेश्वर महादेव मंदिर, टीकेश्वर महादेव मंदिर के साथ ही शहर के सभी छोटे बड़े शिव मंदिरों पर भोर से श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई थी। श्रद्धालुओं ने विधि विधान से पूजन कर आरती की।

कोतवालेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेक की बुकिंग फुल:
चौक के कोतवालेश्वर मंदिर में भी सावन के पहले सोमवार को लेकर रौनक रही। यहां सावन के अंतिम सोमवार को महादेव बाबा नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। चौक के रानी कटरा के मां संकटा देवी मंदिर बाबा शिवाला और छोटा शिवाला में भी शिव भक्त जुटे। यहां पूरे सावन भर रुद्राभिषेक की बुकिंग फुल है। सदर के द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर, आलमबाग के मौनी बाबा मंदिर, कृष्णा नगर के सहसैवीर बाबा मंदिर, इंद्रेश्वर मंदिर समेत सभी शिव मंदिरों में विशेष सजावट की गई है।

बिन मांगे हर इच्छा पूरी करते हैं महादेव:
सावन के पहले सोमवार पर शहर के सभी शिवालयों में भक्तों की लंबी-लंबी कतार दिखायी दी। कोई परिवार के साथ दर्शन करने आया तो कोई अकेले महादेव के दर्शन के लिए आस्था के महापर्व में शामिल हुआ। इस दौरान मनकामेश्वर मंदिर में भगवान भोले के दर्शन करने आये राजेश शर्मा ने कहा भोलेनाथ सभी की मुराद पूरी करते हैं। भगवान से कुछ मांगने की जरूरत नहीं पड़ती, वह सबके मन की बात जानते हैं। बिन मांगे हर इच्छा पूरी कर देते हैं। हर सोमवार भोले बाबा के दर्शन करने आता हूं। राजीव ने कहा भोलेनाथ सबके तारणहार हैं। वह सबके संकट हरते हैं। लगभग हर सोमवार दर्शन करने मनकामेश्वर मंदिर आता हूं। महेश ने कहा भोलेनाथ सभी के दुख हरें, इसी कामना के साथ भोलेनाथ के दर्शन किए हैं। हम जब दूसरों की चिन्ता करेंगे तो भगवान हमारा ध्यान खुद रखेंगे। अजीत गुप्ता कहते हैं मन्दिर आने पर मन को शांति मिलती है। कितनी भी बड़ी परेशानी हो, भोलेनाथ के भरोसे छोड़ कर अपना कर्म करते रहें धीमे-धीमे सब ठीक हो जाएगा। बाबा सबका भला करते हैं। जीवन कहते हैं भगवान भोलेनाथ में अटूट आस्था है। वह अपने भक्तों का हर कष्ट हर लेते हैं। भोलेनाथ से सच्चे मन से जो भी मांगो वह सब देते हैं। सावन के हर सोमवार बाबा के दर्शन करने मंदिर आता हूं। इंदिरानगर के निवासी प्रवीन सिंह ने बताया कि मैं पिछले 12 सालों से सावन के सोमवार पर मनकामेश्वर मंदिर महादेव के दर्शन करने आता हूं। मेरी भगवान शिव में बड़ी आस्था है, वो अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते।

मनकामेश्वर मंदिर में लगी भक्तों की लंबी कतार
लखनऊ। डालीगंज के मनकामेश्वर मन्दिर मे भोर से ही लम्बी कतारें लग चुकी थी। भोर में महंत देव्या गिरि ने की आरती की, पगड़ी श्रंगार हुआ। उसके बाद दर्शन के लिए पट खोले गए।
डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर में भव्य सजावट की गई है। दूर से ही मंदिर की आभा देखते ही बन रही है। मनकामेश्वर मंदिर में महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग लाइन का प्रबंध किया गया है। वहीं एक-एक अलग कोने से महिलाओं और पुरुषों ने महादेव का जलाभिषेक किया। मंदिर के आसपास का इलाका बोल बम बम, ओम नम: शिवाय, हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज रहा था। बड़ी संख्या में भक्त हाथों में लिए गंगाजल, वेल पत्र, प्रसाद लिए शिव की भक्ति में लीन थे। राजधानी के सिद्धपीठ के रूप में स्थापित मनकामेश्वर मंदिर में महंत देव्या गिरि ने भोर आरती के साथ ही कपाट खोलने के निर्देश दे दिए थे।कपाट खुलने से पहले ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की कतारें लग गई थीं।

शहर के छोटे-बड़े शिवालयों में उमड़े भक्त:
राजधानी में सावन के पहले सोमवार पर आस्था का सैलाब शिव मंदिरों में उमड़ पड़ा। लगभग सभी शिव मंदिरों में अल सुबह से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। बड़े मंदिरों के अलावा शहर के हर छोटे-बड़े शिव मंदिर में जमकर पूजा अर्चना हुई। भक्तों ने अलग-अलग तरीके से भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास किया। सावन के पहले सोमवार पर शहर के तमाम शिवालयों में बम भोले के गगनभेदी जयकारों के बीच बाबा की हुई। सुबह से ही रुद्राभिषेक और शृंगार का दौर शुरू हो गया। भक्तों ने फल, पुष्प, बिल्व पत्र, गंगाजल, शहद, घृत, दूध, मिष्ठान्न, भांग, धतूरा अर्पण कर भक्तों द्वारा मनोकामना पूरी करने की कामना की जाएगी। वहीं, घंटे-घड़ियालों की गूंज के बीच चालीसा, पंचाक्षरी के स्वर भी गूंजे। मंदिरों और शिवालयों के कपाट भोर से ही खुल गए थे।

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