भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है
लखनऊ। लालकुआं स्थित चौरसिया मन्दिर में श्रीमद्भागवत कथाके तीसरे दिन मंगलवार को श्रीवृंदावन धाम सेआए कथाचार्य इंजी. अभिनवजी महाराज ने कहा कि जीवन में सत्संग व शास्त्रों में बताए आदर्शों का श्रवण करने का आह्वान करते हुए कहा कि सत्संग में वह शक्ति है, जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है। उन्होंने कहा कि व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा, संग्रह आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए।
व्यासपीठाधीश्वर ने भागवत कथा के दौरान कपिल चरित्र, सती चरित्र, धु्रव चरित्र, जड़ भरत चरित्र, नृसिंह अवतार आदि प्रसंगों पर प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है। उन्होंने भगवत कीर्तन करने, ज्ञानी पुरुषों के साथ सत्संग कर ज्ञान प्राप्त करने व अपने जीवन को सार्थक करने का आह्वान किया। भजन मंडली की ओर से प्रस्तुत किए गए भजनों पर श्रोता भाव विभोर होकर नाचने लगे।
कार्यक्रम में आयोजिका एवं समाज सेविका मोहिता शर्मा बताया कि कथा के बाद प्रसाद वितरित किया गया।