लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में जातिगत आंकड़े जुटाने के लिए भी एक कॉलम शामिल किये जाने की मांग करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और प्रभावी नीति-निर्माण की दिशा में यह एक जरूरी कदम है।
यादव ने यहां प्रेसवार्ता में कहा कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान सरकारी अधिकारी मतदाताओं के विवरण की पुष्टि करने के लिए घर-घर जा रहे हैं, ऐसे में इस अवसर का इस्तेमाल प्राथमिक जातिगत आंकड़े एकत्र करने के लिए भी किया जा सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा, जब इतनी बड़ी प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और अधिकारी मतदाता सूचियों को अद्यतन करने के लिए हर घर जा रहे हैं, तो जातिगत विवरण के लिए केवल एक अतिरिक्त कॉलम जोड़ने की जरूरत है।
भले ही पूरी जाति जनगणना न हो, लेकिन प्राथमिक जाति गणना तो की ही जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आंकड़े भविष्य की सार्वजनिक नीतियों को बनाने में मदद करेंगे और इनसे कल्याणकारी योजनाएं समाज के सभी वर्गों तक समान रूप से पहुंच सकेंगी।
यादव ने कहा, चूंकि हमें भविष्य के लिए नीतियां बनानी हैं, लोगों को आर्थिक और सामाजिक रूप से समान बनाना है, इसलिए जातिवार आंकड़ा सामाजिक न्याय पर आधारित राज्य स्थापित करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, अगर एसआईआर के दौरान यह कॉलम जोड़ा जाता है और जाति गणना होती है तो हमारे लिए सामाजिक न्याय पर आधारित राज्य स्थापित करना आसान हो जाएगा। यादव ने उम्मीद जताई कि सरकार इस सुझाव को स्वीकार करेगी।



 
                                    

