लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अपनी महात्वाकांक्षी योजना एक जनपद एक उत्पाद को पंख देने को तैयार है और इसकी मार्केटिंग के लिए तमाम प्रोत्साहन योजनाएं तैयार हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, एक जनपद-एक उत्पाद (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्टओडीओपी) विपणन प्रोत्साहन योजना के तहत चिह्नित उत्पादों को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेलों में शामिल करने के मकसद से आर्थिक सहायता दी जाएगी।
मेलों में स्टॉल धनराशि का 75 प्रतिशत
प्रवक्ता ने बताया कि इसी योजना के तहत चिह्नित उत्पादों को बिक्री स्थल तक ले जाने वाले उत्पादकों में से किसी एक व्यक्ति को थर्ड एसी श्रेणी का रेल टिकट या उस रूट पर चलने वाली एसी बस के टिकट मूल्य के बराबर आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि उत्पादों को विदेश में बिक्री स्थल तक ले जाने के लिए अधिकतम दो लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता ढुलाई के मद में मिलेगी। प्रवक्ता के अनुसार उत्पादों को मेलों में स्टॉल धनराशि का 75 प्रतिशत, अधिकतम 50 हज़ार रुपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान करना तय किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्पादों को प्रदेश से बाहर स्वदेश में विक्रय स्थल तक ले जाने वाले माल की ढुलाई के लिए अधिकतम 7500 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है
प्रवक्ता ने कहा, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसे तेजी से आगे बढाया जा रहा है । इसी कडी में सामान्य सुविधा केन्द्र प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है । प्रवक्ता ने बताया कि इसके तहत टेस्टिंग लैब, डिजाइन विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र, तकनीकी अनुसंधान एवं विकास केंद्र, उत्पाद प्रदर्शन एवं बिक्री केंद्र, रॉ मेटेरियल बैंक, कॉमन प्रोसेसिंग सेंटर, सूचना संग्रह एवं प्रसारण केंद्र जैसी सुविधाओं का विकास किया जाएगा । उन्होंने बताया कि योजना के तहत सामान्य सुविधा केंद्रों की स्थापना, संचालन एवं रखरखाव के लिए विशेष रूप से गठित एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) द्वारा किया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि एसपीवी स्वयं सहायता समूह, सरकारी संस्थाएं, स्वयंसेवी संस्थाएं, निर्माता कंपनी, प्राइवेट कंपनी आदि के स्वरूप में होगा।