वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिम्ब सेन्टर से रविवार को एक मरीज ने कूदकर जान दे दी। आपरेशन के तीन दिन बाद मरीज आत्महत्या करने से कई सवाल खड़े कर दिये। बताया जा रहा है कि सर्जरी के बाद से डॉक्टर नदारद थे, मरीज को तकलीफ के बावजूद कोई डॉक्टर देखने नहीं आ रहा था।
कुशीनगर निवासी 54 वर्षीय रामवृक्ष को रीढ़ की हड्डी में दिक्कत थी। इलाज के लिए परिजन केजीएमयू लेकर आये थे। जहां डा. वलीउल्लाह को दिखाया गया था। डा. वलीउल्लाह ने आपरेशन की सलाह दी थी। 10 दिन पहले लिंब सेंटर के जनरल वार्ड में भर्ती किया गया था। बुधवार को उनका आॅपरेशन डॉ. शाह वलीउल्लाह ने किया था। आरोप है कि आपरेशन के बाद से डा. वलीउल्लाह मरीज को देखने नहीं आये। मरीज को दर्द होने पर जब वहां मौजूद डॉक्टर से कहा गया तो उन्होंने कहा कि डा. वलीउल्लाह देखेंगे।
वहीं आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने के बावजूद तमाम दवाएं बाहर से मंगायी जा रही है। इन सबसे परेशान मरीज ने रविवार सुबह 9.30 बजे के करीब लिंब सेंटर के तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। इस मामले में केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक डा. डी. हिमांशु का कहना है कि मरीज को स्पाइन की टीबी थी। मरीज का आपरेशन डा. वलीउल्लाह ने किया था। उनकी अनुपस्थिति में डा. संजीव मरीज को देख रहे थे। मामले की जांच पुलिस कर रही है। इसके बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा।
मरीज स्पाइन टीबी से ग्रसित था। तीन दिन पहले उसका आपरेशन हुआ था। मरीज के मौत की जांच पुलिस कर रही है। इसी के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है।