पटना। पटना के बाहरी इलाके में शनिवार को एक मिनी वैन और ट्रक की आमने-सामने की टक्कर में आठ लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना तड़के पटना-नालंदा बॉर्डर के पास शाहजहांपुर में हुई। उसने बताया कि मृतकों में सात महिलाएं शामिल हैं। सभी मृतक और घायल गंगा स्नान के लिए ऑटो में सवार होकर फतुहा जा रहे थे। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) विक्रम सिंह ने बताया कि घायलों को नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा, ट्रक चालक मौके से फरार हो गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा सुबह उस वक्त हुआ जब नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के मलामा गांव के निवासी एक पियागो ऑटो में सवार होकर गंगा स्नान के लिए फतुहा की ओर जा रहे थे। सिगरियावा हॉल्ट के पास सड़क पार करते वक्त एक बेलगाम हाईवा ट्रक ने ऑटो को सामने से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि ऑटो के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार आठ लोगों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया।
हादसे में जान गंवाने वालों में सात महिलाएं और एक ऑटो चालक शामिल हैं। मृतकों की पहचान 60 वर्षीय संजू देवी, 35 वर्षीय दीपिका पासवान, 48 वर्षीय कुसुम देवी, 35 वर्षीय कंचन पांडे और 30 वर्षीय ऑटो चालक चंदन कुमार के रूप में की गई है। बाकी तीन मृतकों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है, लेकिन वे भी मलामा गांव के ही निवासी बताए जा रहे हैं।
हादसे में घायल चार लोगों को पहले दनियावां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर कर दिया है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी घायलों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
हादसे के बाद हाईवा ट्रक चालक गाड़ी समेत मौके से फरार हो गया। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रक को जब्त कर लिया गया है। फिलहाल ट्रक चालक की तलाश में पुलिस द्वारा छापेमारी की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में हादसे की वजह ट्रक की तेज रफ्तार और चालक की लापरवाही को बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि हादसे की विस्तृत जांच की जा रही है और दोषी को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
इस दिल दहला देने वाले हादसे के बाद मलामा गांव में मातम का माहौल है। एक ही गांव के आठ लोगों की एक साथ मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया गया है।