वॉशिंगटन। दुनिया में करोनावायरस से अब तक 44 लाख 55 हजार 224 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 16 लाख 76 हजार 413 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, मौतों का आंकड़ा 2 लाख 98 हजार 877 पर पहुंच गया है। फ्रांस की ग्लोबल फार्मास्यूटिकल कंपनी सनोफी ने अमेरिका को सबसे पहले कोविड-19 की वैक्सीन देने की बात कही है। इस पर फ्रांस भड़क उठा है।
फ्रांस की डिप्टी फाइनेंस मिनिस्टर एग्नेस पैनियर ने कहा, सनोफी कंपनी का बयान गलत है इसे बिल्कुल भी नहीं माना जाएगा। यदि कोई वैक्सीन बनी तो उस पर पूरी दुनिया का अधिकार होगा। सनोफी कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव पाउल हडसन ने बुधवार को कहा था कि उसकी ओर से बनाई गई वैक्सीन में पहला अधिकार अमेरिका का होगा, क्योंकि अमेरिका ने उनको वैक्सीन रिसर्च के लिए फंड मुहैया कराया है। उधर, कोरोनावायरस के चलते दुनियाभर में रमजान से जुड़े आयोजन रद्द कर दिए गए हैं। ऐसे में अमेरिका के मिशीगन में तीन सामुदायिक संस्थाओं ने रमादान लाइड चैलेंज का आयोजन किया है।
डियरबॉर्न शहर में इसके तहत लोगों से अपने घर को सजाने का टास्क दिया जाता है। रात को घरों में रोशनी भी की जाती है। उधर, आॅस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गुरुवार को कहा कि महामारी के दौरान देश में 6 लाख लोगों की नौकरियां खत्म हुई हैं। देश में बेरोजगारी दर अप्रैल में 5.2 प्रतिशत से बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गई है। मॉरिसन ने कहा कि यह बेहद कठिन समय है। यह आंकड़े बेहद हैरान करने वाले हैं। लॉकडाउन में ढील देने से अर्थव्यवस्था के कुछ बेहतर होने की उम्मीद है।
उधर, संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि महामारी से वैश्विक स्तर पर मानसिक बीमारी का खतरा बढ़ेगा। महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मनोवैज्ञानिक परेशानियों से निपटने के लिए सरकारों, संस्थाओं को आगाह किया। लोगों को अपनों को खोने का दुख, नौकरी जाने का सदमा और अकेले रहने की आदत इसका बड़ा कारण हो सकता है। यह बीमारी उन परिवारों और समुदायों को ज्यादा प्रभावित कर सकती है, जो मानसिक रूप से तनाव में हैं।