दुर्गा चालीसा का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है
लखनऊ। हर महीने मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस महीने की मासिक दुर्गाष्टमी 30 अक्टूबर के दिन पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 30 अक्टूबर 2025 को बृहस्पतिवार के दिन पड़ रही है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन विधि-विधान के साथ मां दुर्गा देवी की पूजा की जाती है। इस दिन देवी दुर्गी की श्रद्धा के साथ पूजा करने और श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व:
हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का बहुत अधिक महत्व है। इसे नवरात्रि की अष्टमी के समान ही फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति को देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। यह शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों पर विजय प्राप्त कराती है। जीवन में तरक्की और सफलता मिलती है।
मां अंबे की आराधना
मां दुर्गा को कई तरह के भोग अर्पित किए जाते हैं, लेकिन कुछ भोग उन्हें विशेष रूप से पसंद हैं। मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन आप मां को हलवा, पूरी, चना, नारियल, फल और मिठाई का भोग लगा सकते हैं। इसके अलावा, मां को खीर, मालपुआ और सूखे मेवे भी चढ़ाए जा सकते हैं। ध्यान रखें कि भोग सात्विक हो और उसमें प्याज, लहसुन का प्रयोग न किया गया हो।
मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा विधि
मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान करें। लाल रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। एक वेदी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। मां दुर्गा को लाल चुनरी, सिंदूर, अक्षत, रोली, कुमकुम, धूप और दीप अर्पित करें। पूजा में मां दुर्गा के मंत्रों का जप करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती करें। पूजा के दौरान सभी तरह के तामसिक चीजों से दूर रहें।





