मलेशिया के नये प्रधानमंत्री बने इस्माइल साबरी याकूब

कुआलालंपुर। मलेशिया के सुल्तान ने शुक्रवार को इस्माइल साबरी याकूब को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया, जिसके साथ ही देश में सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहे राजनीतिक दल की फिर से वापसी हो गई। सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने कहा कि इस्माइल को 114 सांसदों का समर्थन यानी बहुमत हासिल है। उन्होंने कहा कि इस्माइल (61) शनिवार को मलेशिया के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। सुल्तान अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस्माइल की नियुक्ति से देश की राजनीतिक उथल-पुथल का अंत हो जाएगा। उन्होंने सांसदों से अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर करने और देश में महामारी से निपटने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया। मलेशिया में साधारण बहुमत के लिए आवश्यक 111 मतों की जरूरत होती है जबकि इस्माइल के पास 114 वोट हैं। मुहिद्दीन यासीन बहुमत के करीब थे लेकिन वह इसे बरकरार नहीं रख पाए।

 

 

इस्माइल गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी यूएमएनओ से हैं। संसद में उसकी स्थिति मजबूत है लेकिन उसे अभी भी मुहीद्दीन की पार्टी की जरूरत है ताकि नेतृत्व के लिए पर्याप्त समर्थन मिल सके। इस्माइल इससे पहले मुहिद्दीन यासीन की सरकार में उप प्रधानमंत्री थे। यासीन ने गठबंधन में अंतर्कलह के चलते बहुमत खोने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह 18 महीने से कम समय तक देश के प्रधानमंत्री रहे।  मुहिद्दीन के गठबंधन को बरकरार रखने के लिये इस्माइल की नियुक्ति जरूरी थी। इस्माइल के प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद देश में यूनाइटेड मलयज नेशनल आॅर्गनाइजेशन (यूएमएनओ) फिर से सत्ता में लौट आया है। साल 1957 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से 2018 तक यूएमएनओ सत्ता में रहा। करोड़ों रुपये के वित्तीय प्रकरण के चलते 2018 में हुए चुनाव में उसे सत्ता गंवानी पड़ी थी।
मलेशिया में सुल्तान की भूमिका काफी हद तक औपचारिक होती है, लेकिन वह उस व्यक्ति को नियुक्त करता है जिसे वह मानता है कि संसद में उसे प्रधानमंत्री के रूप में बहुमत का समर्थन प्राप्त है और प्रांत के शासक उसे ऐसी नियुक्तियों पर सलाह दे सकते हैं।

 

इस्माइल की उम्मीदवारी का विरोध करने वाले मलेशियाई लोगों ने एक आॅनलाइन याचिका शुरू की है, जिसमें अब तक 3,40,000 से अधिक हस्ताक्षर किए गए हैं। कई लोगों का मानना है कि इस्माइल की नियुक्ति यथास्थिति को बरकरार रखेगी। सात महीने की आपातस्थिति और जून से लॉकडाउन के बावजूद मलेशिया में प्रति व्यक्ति संक्रमण दर और मृत्यु दर काफी अधिक है। जून के बाद से संक्रमण के दैनिक मामलों में दोगुनी वृद्धि हुई है। बृहस्पतिवार को रिकॉर्ड 22,928 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 15 लाख हो गई। अब तक कुल 13 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।

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