निकाली गई भव्य कलश यात्रा, उमड़ा आस्था का सैलाब
लखनऊ। राजधानी में 108 फीट ऊंची लखनऊ की पहली धर्मध्वजा तले ख्याति प्राप्त माता बड़ी भुइयन मंदिर में अग्नि स्थापन के बाद आज 13वें सुमेरू रूद्रमहायज्ञ शुभारंभ हुआ। इससे पहले शनिवार को आईआईएम रोड के सरौरा स्थित माता बड़ी भुइयन मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और मां चन्द्रिका देवी मंदिर में पूजन—अर्चन कर मां गोमती नदी से कलश में जल भर वापस बड़ी भुय्यन माता मंदिर पहुंचे। जिसके बाद माता बड़ी भुइयन मंदिर आनंद गिरि सेवा ट्रस्ट प्रमुख एवं तपस्वी नागा साधु आनंद गिरि व चित्रकूट से आयार्च शिवाकान्त द्विवेदी तथा कुशल पुरोहितों के नेतृत्व में पूरे विधि—विधान के साथ यहां नौ कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ का शुभारंभ हुआ। 5 नवंबर तक चलने वाले इस भव्य धार्मिक अनुष्ठान में श्रद्धा एवं आस्था का अनूठा संगम नजर आया। तपस्वी नागा साधु आनंद गिरि महाराज ने बताया कि विश्व के कल्याण, लोगों में सद्बुद्धि, सद्व्यवहार एवं धर्म के विकास के लिए प्रत्येक वर्ष मंदिर परिसर में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। इस क्रम में नौ कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 4 नवबंर को पूणार्हुति के साथ महायज्ञ का समापन हो जाएगा। वहीं 5 नवंबर को भव्य भंडारा, वार्षिक मेला एवं रावण दहन के साथ यह पांच दिवसीय भव्य धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होगा।





