- व्यापक हित में मुख्यमंत्री का बड़ा निर्णय, मार्च 2026 तक ₹1960 करोड़ का अतिरिक्त व्ययभार वहन करेगी सरकार
- अब 55 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हुआ महंगाई भत्ता और महंगाई राहत, 01 जुलाई 2025 से लागू होगा निर्णय
- कर्मचारियों और पेंशनरों के हितों के प्रति सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
- महंगाई से राहत और जीवन स्तर सुधार के लिए योगी सरकार का संवेदनशील कदम
- मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता व राहत अक्टूबर 2025 से नकद भुगतान के रूप में मिले
- नवंबर 2025 में ₹795 करोड़ का आएगा अतिरिक्त नकद व्ययभार, ओपीएस कार्मिकों के जीपीएफ में ₹185 करोड़ जमा होंगे
- जुलाई से सितंबर 2025 के एरियर भुगतान पर सरकार उठाएगी ₹550 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त भार
- दिसंबर 2025 से प्रत्येक माह ₹245 करोड़ का अतिरिक्त व्ययभार वहन करेगी राज्य सरकार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रकाश पर्व दीपावली के अवसर पर प्रदेश के 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की दरों में वृद्धि का उपहार दिया है। गुरुवार को लिए गए मुख्यमंत्री के इस निर्णय के अनुसार अब प्रदेश के सभी पात्र 16.35 लाख कर्मचारियों एवं 11.52 लाख पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों को 01 जुलाई 2025 से 55 प्रतिशत के स्थान पर 58 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत का लाभ प्राप्त होगा।
बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के हितों के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। महंगाई के प्रभाव से उन्हें राहत पहुंचाना और उनके जीवनस्तर में सुधार करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों के प्रति संवेदना और सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दीपावली का यह उपहार उनके जीवन में नई ऊर्जा, प्रसन्नता और समृद्धि लेकर आएगा।
इस निर्णय का लाभ सभी कर्मचारियों को मिलेगा, जिनमें सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थानों के कर्मचारी, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित एवं पूर्णकालिक कर्मचारी, कार्यप्रभारित कर्मचारी तथा यूजीसी वेतनमान के कर्मचारी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिए हैं कि बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एवं राहत का भुगतान माह अक्टूबर 2025 से नकद रूप में किया जाए। व्यापक हित मे लिए गए इस निर्णय से मार्च 2026 तक राज्य सरकार पर ₹1960 करोड़ का अतिरिक्त व्यय भार आएगा। बता दें कि मंहगाई भत्ता एवं मंहगाई राहत का भुगतान माह अक्टूबर, 2025 से नकद किये जाने की स्थिति में माह नवम्बर, 2025 में क्रमशः ₹161 करोड़ तथा ₹84 करोड़ का व्ययभार का व्ययभार आयेगा।
माह जुलाई से सितम्बर, 2025 तक के मंहगाई भत्ता एवं मंहगाई राहत के एरियर के भुगतान पर माह नवम्बर, 2025 में क्रमशः ₹298 करोड़ एवं ₹252 करोड़ का अतिरिक्त नकद व्ययभार आयेगा। इस प्रकार माह नवम्बर, 2025 में कुल ₹795 करोड़ का अतिरिक्त नकद व्ययभार आयेगा। ओपीएस से आच्छादित कार्मिकों के जीपीएफ में ₹185 करोड़ जमा होगा, तत्पश्चात् माह दिसम्बर, 2025 से प्रत्येक माह ₹245 करोड़ का अतिरिक्त व्ययभार आयेगा।