ढाका। भारत ने बांग्लादेश को सोमवार को आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को अद्यतन करने से देश के लोग प्रभावित नहीं होंगे। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि यह पूरी तरह से भारत का अंदरूनी मामला है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमिन और गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने संसद द्वारा नया नागरिकता विधेयक पारित किए जाने के बाद की स्थिति को देखते हुए दिसंबर में भारत का दौरा रद्द कर दिया था। ढाका असम में एनआरसी लागू किए जाने के बाद से स्पष्ट तौर पर दुखी था जबकि भारत ने उसे साफ कर दिया था कि यह मुद्दा देश का आंतरिक मामला है।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, एनआरसी को अद्यतन किए जाने की प्रक्रिया पूरी तरह भारत तक सीमित है। उन्होंने ढाका में आयोजित बांग्लादेश और भारत : आशावान भविष्य विषय पर सम्मेलन के दौरान कहा, भारत बांग्लादेश को आश्वस्त करता है कि एनआरसी से देश और उसके लोग प्रभावित नहीं होंगे।
पूर्व में ढाका में भारत के उच्चायुक्त रहे विदेश सचिव संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी लागू होने के बाद पड़ोसी देश की यात्रा पर जाने वाले पहले वरिष्ठतम भारतीय अधिकारी हैं। ढाका उन खबरों पर चिंतित था कि सीएए के तहत भारत कुछ बांग्लादेशी शरणार्थियों को वापस भेज सकता है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सितंबर में न्यूयॉर्क में द्विपक्षीय बैठक के दौरान एनआरसी का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाया था। अपनी यात्रा के दौरान, श्रृंगला प्रधानमंत्री हसीना और विदेश मंत्री मोमिन से मुलाकात करेंगे और विदेश सचिव मसूद बिन मोमिन से वार्ता करेंगे। वह इस महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ढाका की यात्रा की तैयारियों पर चर्चा कर सकते हैं। वह बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती समारोह में शामिल होने के लिए यहां आ सकते हैं।