फेफड़े की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित था युवक, केजीएमयू में मिला जीवनदान

  • रेस्पिरेटरी मेडिसिन और जनरल सर्जरी विभाग ने मिलकर किया सफल इलाज
  • लंबे समय से आक्सीजन सपोर्ट पर था पल्मोनरी एल्वियोलर प्रोटीनोसिस (पीएपी) से पीड़ित


लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के डाक्टरों ने दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे युवक का पुनर्जन्म कराया है। मरीज पल्मोनरी एल्वियोलर प्रोटीनोसिस (पीएपी) से पीड़ित था और लंबे समय सेआक्सीजन सपोर्ट पर था।
पीएपी फेफड़ों का दुर्लभ रोग है, जिसके कारण मरीज के फेफड़ों में वायुकोष बंद हो जाते हैं। सांस लेने में तकलीफ और खांसी इस बीमारी के सबसे आम लक्षण हैं। युवक का इलाज होल लंग लवरेज (डब्ल्यूएलएल) विधि से किया गया। संपूर्ण फेफड़े की धुलाई एक विशिष्ट प्रक्रिया है, जिसमें फेफड़ों को धोने के लिए खारे पानी के घोल का उपयोग किया जाता है। फेफड़ों में प्रोटीन और चिकनाई युक्त गाढ़े पदार्थ को अलग-अलग दिनों में स्लाइन व दूसरी दवाओं से साफ किया गया।

केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक और जनरल सर्जरी विभाग में प्रो. डा. सुरेश कुमार के मुताबिक, लखनऊ निवासी अनिरुद्ध (40) को लंबे समय से सांस फूलने, खांसी की दिक्कत थी। गंभीर स्थिति में मरीज को रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में आक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती किया गया। यहां डा. एसके वर्मा और डा. राजीव गर्ग की निगरानी में इलाज शुरू हुआ। जांच रिपोर्ट में युवक को दुर्लभ बीमारी पीएपी की पुष्टि हुई। शुरुआत में मरीज को हाई फ्लो नेजल से आक्सीजन दी गई। साथ ही खून व फेफड़ों की जांच के लिए एचआरसीटी स्कैन कराया गया।

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