लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दस फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव शुक्रवार को मंजूर कर लिया।
राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया। बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने संवाददाताओं को बताया, केन्द्र सरकार द्वारा 12 जनवरी 2019 को जारी अधिसूचना के माध्यम से भारत के संविधान में संशोधन करते हुए सरकारी सेवाओं की सभी श्रेणियों में नियुक्ति और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए … आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों :गरीब सवर्णों: के लिए अधिकतम दस प्रतिशत का आरक्षण अनुमोदित किया गया है।
भारत सरकार द्वारा निर्गत गजट अधिसूचना
शर्मा ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार, भारत सरकार द्वारा निर्गत गजट अधिसूचना का अनुपालन करेगी। उन्होंने कहा कि बिना किसी के आरक्षण को छेडे हुए, सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण की जो व्यवस्था केन्द्र सरकार ने की है, उस पर उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मुहर लगाई है। शर्मा ने इसे सबसे बडा फैसला बताते हुए सवालों के जवाब में कहा, व्यावहारिक रूप से सहमति दे दी है। आगे की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सैद्घांतिक रूप से स्वीकृति दे दी गई है। गुजरात और झारखंड के बाद उत्तर प्रदेश देश का तीसरा राज्य बन गया है, जिसने यह प्रस्ताव मंजूर किया है।