प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को 22 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण कीर्तिमान स्थापित किए जाने के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि ‘वन है तो जल है और जल है तो कल यानी जीवन है’। इसलिए राज्य सरकार वृक्षारोपण को एक आंदोलन का रूप देने को संकल्पबद्घ है। यहां परेड ग्राउंड पर पौध वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आज शाम तक पूरे राज्य में 22 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, आज प्रदेश में एक एक जगह वृक्ष लगाने की जो कवायद हो रही है, उसे डिजिटल मैपिंग से हमने जोड़ा हुआ है। इसके साथ ही जियो टैगिंग की भी व्यवस्था की है।
भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने कहा, चुनाव में जिस तरह सेक्टर और जोनल स्तर पर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए जाते हैं, उसी तरह हमने पूरे प्रदेश में सेक्टर, जोनल स्तर पर वृक्षारोपण की जिम्मेदारी दी है और जवाबदेही तय की है। अगले साल उत्तर प्रदेश में 25 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज तीन रिकार्ड बनने जा रहे हैं। पहला रिकार्ड, प्रथम एक घंटे में सुबह 9 से 10 बजे के बीच में पांच करोड़ वृक्षों का रोपण पूरे राज्य में एक साथ हुआ। दूसरा रिकार्ड प्रदेश के अंदर एक स्थान पर महामहिम राज्यपाल महोदया के सानिध्य में कासगंज में 1,01,000 वृक्षों का रोपण किया गया। तीसरा रिकार्ड प्रयागराज में एक निश्चित समय में 66,000 पौधों का वितरण किया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, हमने वन विभाग को कहा है कि 100 वर्ष से अधिक पुराने वृक्षों को हेरिटेज ट्री घोषित करके उनके कटान को पूरी तरह से निषिद्घ करने की व्यवस्था करें। प्रयागराज का अक्षयवट इनमें से एक है। इसी तरह से बाराबंकी में 5000 साल पुराना कल्पवृक्ष मौजूद है। इस बीच गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की ओर से स्वप्निल डांगरेकर ने प्रयागराज में 66,000 पौधों के वितरण का विश्व रिकार्ड बनाए जाने की औपचारिक घोषणा की।