अहमदाबाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को हिंदी फिल्मों की तारीफ करते हुए भारतीयों के दिलों को छूने की कोशिश की और अपने-अपने समय की दो सबसे मशहूर फिल्मों शोले और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (डीडीएलजे) का नाम भी लिया।
मोटेरा स्टेडियम में नमस्ते ट्रंप समारोह को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को हिंदी फिल्में देखने और उनके माध्यम से भारतीय संस्कृति को समझने में बहुत मजा आता है। उन्होंने करीब एक लाख लोगों से भरे स्टेडियम में अपने भाषण में कहा, इस देश में कौशल और रचनात्मकता के गढ़ माने जाने वाले बॉलीवुड में एक साल में करीब 2000 फिल्में बनती हैं। ट्रंप ने कहा, पूरी दुनिया में लोग भांगड़ा, संगीत और नृत्य, रोमांस और ड्रामा तथा डीडीएलजे एवं शोले जैसी शानदार फिल्मों का बड़ा आनंद उठाते हैं।
वर्ष 1975 में आई शोले बेहद कामयाब फिल्म थी, जबकि 1995 में शाहरुख खान और काजोल की डीडीएलजी एक रोमांटिक फिल्म थी। दोनों ही फिल्मों ने अपने-अपने समय में जबरदस्त कामयाबी अर्जित की थी। शोले के निर्देशक रमेश सिप्पी ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि ट्रंप ने अपने संबोधन में उनकी फिल्म का जिक्र किया।
सिप्पी ने कहा, मैं गौरवान्वित महसूस कर हूं कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसका जिक्र किया। मुझे बहुत खुशी हुई कि अपने संबोधन में उन्होंने भारत के सृजनात्मक नमूने के तौर पर शोले को शामिल किया। फिल्म के 45 साल बाद शोले का जिक्र करने के लिए मैं शुक्रगुजार हूं। डीडीएलजी के निर्माता यशराज फिल्मस ने ट्विटर पर डीडीएलजी ट्रंप्स पोस्ट किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले भी फिल्म प्रेमी भारतीयों से तार जोडऩे की इस तरह की कोशिशें की हैं। अपनी पहली भारत यात्रा से पूर्व उन्होंने एक वीडियो साझा किया था जिसमें उनके चेहरे पर भारत की लोकप्रिय फिल्म बाहुबली के शीर्ष किरदार की तस्वीर लगा दी गई थी। उन्होंने 81 सेकेंड की क्लिप के साथ शनिवार को ट्वीट किया, भारत में अपने काबिल दोस्तों के साथ मुलाकात को लेकर बहुत उम्मीदें लगाए हुए हूं। इससे पहले ट्रंप ने आयुष्मान खुराना की नई फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान की भी तारीफ की थी।
फिल्म के पर्दे पर समलैंगिक प्रेम को दर्शाने वाली इस फिल्म की तारीफ करते हुए ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था, ग्रेट। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी 2015 में भारत यात्रा के दौरान डीडीएलजे का जिक्र किया था और उन्होंने शाहरुख खान का एक प्रसिद्घ संवाद सेनोरिटा, बड़े बड़े देशों में…. भी बोला था।