ट्रंप ने फिर उठाया भारत के ऊंचे शुल्क का मुद्दा, मोदी से करेंगे बातचीत

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी भारत यात्रा से पहले एक बार फिर व्यापार में ऊंचे शुल्क का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत कई साल से अमेरिका के साथ व्यापार में सख्त रवैया अपनाए हुए है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ इस बारे में उनकी बातचीत होगी। ट्रंप पहले भी कई बार भारत पर व्यापार के मामले में अमेरिका के उत्पादों पर काफी ऊंचे शुल्क लगाने की शिकायत कर चुके हैं। वह भारत को शुल्क लगाने का चैंपियन तक कह चुके हैं।

ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ 24-25 फरवरी को पहली भारत यात्रा पर जा रहे हैं। वह अहमदाबाद से अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे। उसके बाद आगरा और नई दिल्ली जाएंगे। कोलोराडो में गुरुवार को कीप अमेरिका ग्रेट रैली में उन्होंने कहा, मैं अगले सप्ताह भारत जा रहा हूं और हम व्यापार पर बात करने वाले हैं। वह कई साल से हमारे साथ सख्त व्यवहार कर रहे हैं।

ट्रंप ने अपने हजारों समर्थकों के सामने कहा कि वह वास्तव में मोदी को पसंद करते हैं और वे आपस में व्यापार पर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, हम कुछ बातचीत करेंगे, व्यापार पर भी बातें होंगी। यह हमें बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। वे हमारे ऊपर शुल्क लगाते हैं… दुनिया में सबसे ऊंचे शुल्क लगाने वालों में से भारत भी एक है।

इस यात्रा से पहले ऐसी खबरें आ रही है कि भारत और अमेरिका व्यापार में कुछ मुद्दों पर सहमत हो गए हैं। दोनों देशों के बीच बड़े व्यापार समझौते से पहले इस यात्रा के दौरान कुछ सहमतियों की घोषणा की जा सकती है। उन्होंने इस यात्रा के दौरान व्यापार समझौता होने की संभावनाओं को कम करते हुए कहा कि दोनों देश बेहतर व्यापार समझौता कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि समझौता उनकी पसंद का नहीं होने की स्थिति में इस पर चल रही बातचीत की गति धीमी पड़ सकती है।

ट्रंप ने लास वेगास में होप फॉर प्रिजनर्स ग्रेजुएशन सेरेमनी कार्यक्रम की शुरुआत में कहा, मैं भारत जा रहा हूं और हम वहां जबर्दस्त व्यापार समझौता कर सकते हैं। उन्होंने कहा, हो सकता है कि हम बातचीत की गति को धीमा करें या चुनाव के बाद समझौता करें। मेरा मानना है कि ऐसा हो भी सकता है। इसलिए हम देखेंगे कि क्या होता है।

ट्रंप ने कहा, हम तभी समझौता करेंगे जब यह अच्छा होगा क्योंकि हम अमेरिका के हितों को आगे रख रहे हैं। लोगों को यह पसंद आए या नहीं, लेकिन हम अमेरिका के हितों को वरीयता दे रहे हैं। भारत-अमेरिका के बीच माल एवं सेवा में द्विपक्षीय कारोबार अमेरिका के वैश्विक व्यापार का तीन फीसदी है। ट्रंप ने कोलोराडो रैली में भारत यात्रा और इस दौरान भव्य स्वागत की संभावनाओं के बारे में बातें की।

उन्होंने कहा, मैंने सुना है कि वहां एक करोड़ लोग हमारा स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े खेल के मैदानों में से एक और दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम तक के रास्ते में साठ लाख से एक करोड़ लोग तक मौजूद रह सकते हैं। कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की हालिया रपट के अनुसार, भारत के लिए यह व्यापारिक रिश्ता अहम है।

2018 में भारत के लिए अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार रहा। पहले स्थान पर यूरोपीय संघ था। भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत और यूरोपीय संघ की 17.8 प्रतिशत रही। भारत अब माल एवं सेवाओं के व्यापार मामले में अमेरिका का आठवां सबसे बड़ा साझेदार देश है।

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