वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों की वसूली कम नहीं हो रही है। ताजा मामला बीकेटी के एक निजी अस्पताल का है। आरोप है कि यहां भर्ती बच्चे की मौत के बाद उसे आक्सीजन सिलेंडर लगाकर ट्रॉमा रेफर कर दिया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
इटौंजा निवासी संतराम का बेटा 7 वर्षीय पुत्र अर्पित एक सप्ताह से बीमार था। उसे तेज बुखार था। पास के अस्पताल में दिखाय लेकिन तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ। परिजनों ने उसे दुबग्गा स्थित न्यू तुलसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां पर बच्चा तीन दिन तक भर्ती रहा। आरोप है कि इस दौरान जांच के नाम पर हजारों रुपए वसूलने का आरोप है। बच्चे की हालत सुधरने की बजाए लगातार बिगड़ती चली गई। रविवार शाम परिजन बच्चे को डिस्चार्ज कराकर बीकेटी यशोदा हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां पर भर्ती होने बाद उसे झटके आने लगे।
सोमवार सुबह डॉक्टरों ने वेंटीलेटर सपोर्ट की जरूरत बताते हुए बच्चे को केजीएमयू भेज दिया। भाई विकास का आरोप है यशोदा हॉस्पिटल से आक्सीजन लगाकर केजीएमयू भेजा गया था। जहां उस दौरान बच्चे के शरीर में कोई भी हरकत नहीं थी। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने भी से मृत घोषित कर दिया। वहीं यशोदा हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि बच्चे की हालत गम्भीर थी, उसे वेंटीलेटर की जरूरत थी। इसी कारण उसे रेफर किया गया था।