सैनिक के परिवारों की दृढता और साहस को भी दर्शाता है ‘शहीद’

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर नाटक का मंचन
लखनऊ। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर संस्कृति निदेशालय उ.प्र. के सहयोग से मदद एजूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसाईटी की देश भक्ति नाट्य प्रस्तुत शहीद का मंचन आरपीएस इण्टर कॉलेज के सभागार, राजाजीपुरम, लखनऊ में किया गया। मोहित यादव के लिखे इस नाटक का निर्देशन नाट्य निर्देशिका निशा बेगम तथा कार्यक्रम का संयोजन मदद संस्था के अध्यक्ष मो० मुस्तकीम सलमानी द्वारा किया गया। नाटक में दिखाया कि सन् 1999 में हुए कारगिल युद्ध में कैसे पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ करके हमारी कई चोटियों पर कब्जा कर लिया था, फिर हिन्दुस्तानी सेना ने आॅपरेशन विजय चलाकर मुंहतोड़ जवाब ही नहीं दिया बल्कि विजय प्राप्त की थी। इस विजय को हम हिन्दुस्तानी लोग 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते है और अपनी सेना पर गर्व करते है। पर इस विजय में कई जवान शहीद हुए किसी ने बेटा खोया, किसी ने भाई, किसी का सुहाग मिटा, तो किसी के घर का चिराग। यह कहानी उन शहीद परिवारों की दृढता और साहस को भी दशार्ती है जो इन चुनौतियों का सामना करते है। वे अपने प्रियजनों की यादों को संजोते हुए, अपने जीवन को फिर से व्यवस्थित करने और आगे बढ़ने की कोशिश करते है। यह कहानी कई शहीद जवान के परिवार पर गुजरने वाली दर्दनाक स्थिति और उनकी जिÞन्दगी पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में है। निर्देशिका निशा बेगम ने कहा अनेकता में एकता हमारे हिन्दुस्तान की एक खास पहचान है। इसका मतलब है कि भारत में विभिन्न धर्म, जाति, भाषा और संस्कृति के लोग एक साथ रहते है, और फिर भी वे एक राष्ट्र के रूप में एकजुट है। यह हमारी ताकत है और हमें एक दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना रखने में मदद करता है। एकता कायम रहे इसका ख्याल हमें हमेशा रखना चाहिए, हम इतिहास से सबक लेते रहते है। उसके लिए मै हमेशा से सामाजिक सद्भाव के लिए नाटक करती रहती हूँ। मंच से कलाकार आदित्य श्रीवास्तव, अर्पित श्रीवास्तव, सचिन कुमार शाक्य, पल्लवी जायसवाल, मुस्तकीम सलमानी, शाजेब खान ने मुख्य भूमिका निभाई।

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