पीडब्ल्यूडी में प्रमुख अभियंता परिकल्प नियोजन से ब्लैक लिस्टेड फर्म को अधिकारी मिलीभगत से जिंदा करने में जुटे
- आरोप है कि फर्म ने पूर्व में फर्जी कन्वर्टर का प्रमाण पत्र लगाकर कराया था पंजीकरण
लखनऊ। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मुख्यालय में कूटरचित दस्तावेज के आधार विगत कई वर्षों से एक ठेकेदार के द्वारा विभाग को गुमराह करते हुए कई काम किये गये और जब कूटरचित दस्तावेज से पंजीकरण कराने की सूचना विभाग को प्राप्त हुई तो उस पर पंजीकृत फर्म के खिलाफ जांच बैठायी गयी, जिसमें उसके द्वारा प्रयोग किये गये दस्तावेजों की पड़ताल करने पर वह फर्जी पाये गये। इसके बाद से विभाग के प्रमुख अभियंता परिकल्प नियोजन ने तो उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया लेकिन मामला यहीं नहीं थमा। सूत्रों के अनुसार विभाग में ब्लैकलिस्टेड फर्म के ठेकेदार अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी फर्म में दोबारा जान फूंकने का पूरा प्रयास कर रहा है।
मामला यह है कि शालिनी दीक्षित ठेकेदार, सो.प्रो. शालिनी दीक्षित 215/2, सुशील नगर, उरई, जनपद-जालौन का लोक निर्माण विभाग में रोड साइनेज श्रेणी ‘ए’ में पंजीकरण का नवीनीकरण 22 दिसम्बर 2023 से 30 जून 2026 तक के लिए किया गया है।
इस दौरान रतन कुमार पाण्डेय स्व. अमरनाथ पाण्डेय, 50डी 45, मनकामेश्वर मन्दिर, डालीगंज, लखनऊ का शिकायती पत्र 10 सितम्बर 2024 को पीडब्ल्यूडी के मुख्यालय-2 कार्यालय में प्राप्त हुआ है, जिसमें शालिनी दीक्षित ठेकेदार, सो. प्रो. शालिनी दीक्षित, 215/2, सुशील नगर, उरई, जनपद-जालौन द्वारा रोड साइनेज श्रेणी ‘ए’ में पंजीकरण के नवीनीकरण किये जाने के सम्बन्ध में प्रस्तुत अभिलेखों में कन्वर्टर सर्टिफिकेट एवं आईएसओ प्रमाण पत्र फर्जी प्रस्तुत कर नवीनीकरण कराया गया है तथा पूर्व में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर पंजीकरण कराया गया है।
इसकी जानकारी होने के बाद विभाग के मुख्यालय -2 से 24 सितम्बर 2024 द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए फर्म के ठेकेदार को निर्देशित किया गया कि जारी नोटिस तिथि से 15 दिन के अंदर अपना लिखित स्पष्टीकरण उपलब्ध करायें। यदि इस तय अवधि के अंदर स्पष्टीकरण नहीं मिलता है तो यह मान लिया जायेगा कि इस सम्बन्ध में आपको कुछ नहीं कहना है। साथ ही विभाग ने ताकीद किया कि इसके बाद विभाग प्रकरण में तय प्रक्रिया के तहत शासनादेशों के उल्लघन का दोषी मानते हुए पंजीकरण व नवीनीकरण को निरस्त करते हुए काली सूची व डिवार में डाल दिया जायेगा। जिसके लिए बाद कोई भी दावा मान्य नहीं होगा। इस पर फर्म के ठेकेदार ने कारण बताओ नोटिस का कोई उत्तर विभाग में प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके बाद कार्यालय की ओर 10 अक्टूबर 2024 को दोबारा फर्म के ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस दिया गया और लिखित स्पष्टीकरण 14 अक्टूबर 2024 मांगा गया, जिस पर ठेकेदार की ओर से 16 अक्टूबर 2024 को जवाब आया उससे विभाग की ओर लगाये गये आरोप का स्पष्टीकरण नहीं दिया गया अपितु उल्टे आरोप लगाया गया। इसी बीच रतन कुमार पाण्डेय के शिकायती पत्र उल्लिखित शिकायतों की पुष्टि के लिए फर्म के ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों में कन्वर्टर सर्टिफिकेट एवं आईएसओ प्रमाण पत्र का सत्यापन कराया गया, जिसमें 4 अक्टूबर 2024 को प्राप्त आख्या में अवगत कराया गया है कि कन्वर्टर सर्टिफिकेट सम्बन्धी संस्था के द्वारा जारी नहीं किया गया है। जिससे स्पष्ट है कि फर्म के ठेकेदार द्वारा कार्यालय में फर्जी अभिलेख प्रस्तुत कर जालसाजी एवं धोखाधड़ी से रोड साइनेज श्रेणी में पंजीकरण कराया गया है। जिस पर शासनादेश में निहित प्राविधानों के तहत विचार करने के बाद शालिनी दीक्षित ठेकेदार सो.प्रो. शालिनी दीक्षित, 215/2, सुशील नगर, उरई, जनपद जालौन को ब्लैक लिस्ट/काली सूची में डाले जाने के आदेश पारित किया गया। सूत्रों के अनुसार विभाग की ओर से ठेकेदार से सम्बन्धित आशीष दीक्षित लगातार विभाग के मुख्यालय में बिना पास के प्रवेश करता है और विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर दबाव भी बनाता है। जिसको लेकर मिनिस्टीरियल एसोसिएशन कार्यालय प्रमुख अभियंता/क्षेत्रीय अभियंता ने प्रमुख सचिव को भी पत्र लिखकर आपत्ति जतायी जा चुकी है।





