‘शैडो आफ शिवा’ में दिखे कथक के मनमोहक रूप

कथक की विविध रचनाओं को मंच पर किया पेश

लखनऊ। लखनऊ घराने के कथक को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने वाले कथक गुरु, कलाकार तथा कोरियोग्राफर स्वर्गीय पंडित अर्जुन मिश्रा जी की 10 वी जयंती कैसरबाग के राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में मनाई गई। जिसमे प्रांतीय कलाकारों के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों भाग लिया जिसमे अनुज अर्जुन मिश्रा डांस कंपनी के वर्तमान गुरु स्वर्गीय पंडित अर्जुन मिश्रा के (सुपुत्र एवं शिष्य) पंडित अनुज मिश्रा जी के शिष्य एवं शिष्याओ की प्रस्तुतियां हुई। नेहा सिंह डांस कंपनी (एन. एस. एस) की तरफ से नारी शक्ति पर अपने छात्रों के साथ कथक नृत्य की विविध संरचनाओं का शानदार प्रदर्शन किया। पंडित अनुज मिश्रा एवं उनकी अपनी कथक अकादमी और अनुज मिश्रा डांस कंपनी संस्था से शैडो आॅफ शिवा के नाम से शानदार कथक नृत्य की अद्भुत संरचनाओं की प्रदर्शन करेंगे जिसमें उनकी संस्था से सीनियर और जूनियर बच्चे भी भाग ले रहे है। जिनमें सीनियर छात्रों के नाम विवेक वर्मा, मैत्री चौहान, शिवेंद्र सिंह, श्रेया वर्मा, शुभ सिन्हा, यशवी चतुवेर्दी, वंशिका, सिद्धि, राधिका जूनियर छात्राओं के नाम- प्रगति, अंशिका, नमिता, मीमांसा, आशी, स्वाति, ऐश्विका, आरोही शाह, ज्ञानवी, शनाया आराध्या, वानी, यशवी, वंशी, एंजल, कृष्णा, अंश मिश्रा, धानवी, वर्तिका, अव्यआ, दिशा, आरोही राज, सिया, हषार्ली, आरना, नेहा है।
उसके उपरांत नृत्यार्जुन डांस अकादमी द्वारा प्रस्तुत युद्ध जीवन की लड़ाई नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गयी। स्मृति मिश्रा टंडन द्वारा कोरियोग्राफ की गई यह शक्तिशाली प्रस्तुति मानव जीवन के संघर्षों और भगवद गीता के ज्ञान को अपनाने से मिलने वाली आंतरिक शक्ति और लचीलापन को दशार्ती है। छात्रों ने अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि गीता के शाश्वत विषयों और रूपकों को भी जीवंत किया। जो आज के जीवन में इसकी प्रासंगिकता को उजागर करते हैं। इस प्रस्तुति में शेफाली त्यागी, प्रिशा पाराशर, कैरा सिंह, नैशा बग्गा, कामाक्षी त्यागी, चित्रांगदा सिंह, ईशान्वी तिवारी, ज्योति, वीरा का योगदान रहा। कार्यक्रम के अगले पड़ाव में निरमोहिया ठुमरी की मार्मिक सुंदरता को मंच पर प्रस्तुत किया। इस आकर्षक प्रस्तुति विरह (पृथकता) और प्रेम (प्रेम) के धागों को एक साथ बुनती है, जैसे कि युवा कलाकार कृष्ण के लिए तरस और लालसा की भावनाओं को जीवंत करते हैं। पृथकता के दर्द के बावजूद, वे अपने प्रिय की यादों में आनंद पाते हैं, और उनका ठुमरी प्रदर्शन प्रेम की स्थायी शक्ति का प्रमाण है। जिसमें पार्निका जायसवाल, दृश्या भारती, मोहना सिंह, चन्द्रिका सिंह, शान्वी सिंह, प्रिशा पाराशर, चित्रांगदा सिंह, ईशान्वी तिवारी, वीरा, डलिमा भारती का यागदान रहा। इसके बाद कांतिका मिश्रा अपनी कला द्वीप संस्था से गुरु अर्पण (पारंपरिक नृत्य), गणेश वंदना एवं नृत्य अंग अपनी संस्था के छात्राओं के साथ करेंगी जिनके नाम इस प्रकार है अविका श्रीवास्तव, पंखू, प्रीशा, प्रतिष्ठा, एंजल, आरुषि, नीतू गिरी, खुशी, शानवी, सारा खान तथा अंत में द्रौपदी का सोलो परफोर्मेंस कांतिक मिश्रा के द्वारा होगा। पड़नत में पंडित अनुज मिश्रा तबला वादक में विकास मिश्रा, ऐश्वर्या उपाध्याय, अनिर्वाण तालू केदार, वोकल में प्रखर पांडे एवं नमन ठाकुर फ्लूट पर दीपेंद्र कुंवर और सारंगी में ध्रुव त्रिपाठी रहे।

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