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सर्वे व आंकलन के आधार पर बने ठोस कार्ययोजना
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योजना के तहत 100 दिनों का चलाया जाये अभियान
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रदेश के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा है कि इसके लिए सर्वे और आंकलन के आधार पर ठोस कार्य योजना बनायी जाये। इस योजना के तहत 100 दिन का अभियान चलाकर स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के कार्यों को पूरा किया जाये। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग अन्तर्विभागीय समन्वय के आधार पर यह कार्य सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने यहां लोक भवन में केंद्र सरकार द्वारा ‘गांधी जयन्ती’ के मौके पर 02 अक्टूबर से स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के 100 दिन के अभियान के क्रम में प्रदेश में इस अभियान को चलाने के संबंध में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा ग्राम्य विकास और पंचायतीराज, बाल विकास एवं पुष्टाहार, बेसिक, माध्यमिक शिक्षा, नगर विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, समाज कल्याण विभाग के सहयोग एवं समन्वय से यह अभियान चलाकर शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाये।
योगी ने कहा कि इस अभियान की प्रगति के बारे में सभी संबंधित विभाग साप्ताहिक समीक्षा करें। मुख्य सचिव द्वारा इस अभियान की पाक्षिक और मंत्री स्तर पर मासिक समीक्षा की जाये। उन्होंने कहा कि ‘जल जीवन मिशन’ के तहत ‘हर घर जल’ योजना चलायी जा रही है। इसी तरह, पाइप पेयजल के माध्यम से स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों पर शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य योजना के तहत बेस लाइन डाटा लेते हुए जलापूर्ति की समयबद्ध व्यवस्था, क्षमता संवर्धन, जागरूकता, ग्रे-वाॅटर मैनेजमेण्ट, रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग संबंधी कार्यों को भी कन्वर्जेन्स के माध्यम से सुनिश्चित किया जाये। शौचालयों में भी वाॅटर कनेक्शन उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों सहित सभी प्रमुख संस्थानों जैसे प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, पंचायत भवनों, कल्याण केन्द्रों, सामुदायिक शौचालयों में भी पाइप्ड जलापूर्ति सुनिश्चित की जाये।
योगी ने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी विद्यालयों व छात्रावासों में भी शुद्ध जलापूर्ति सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सुरक्षित पेयजल, स्वच्छ पानी के महत्व, गन्दे जल का दोबारा इस्तेमाल, रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग, जलापूर्ति व्यवस्था के संचालन व रख-रखाव के संबंध में जागरूकता सृजन के साथ-साथ पानी समितियों को संचालित करने का कार्य भी किया जाये।