नई दिल्ली: केंद्र ने उत्तर प्रदेश में सौभाग्य योजना के तहत 12 लाख घरों के विद्युतीकरण को मंजूरी दे दी है। ये वे घर हैं जहां अबतक बिजली नहीं पहुंची हैं और ये परिवार सौभाग्य योजना का लाभ नहीं उठा सके। हालांकि यह योजना मार्च 2019 को समाप्त हो चुकी है। यह मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी गई है। उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह से मुलाकात कर इन घरों के सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण की मंजूरी देने का आग्रह किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए सितंबर 2017 में महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) की शुरूआत की थी। योजना की मियाद 31 मार्च 2019 को समाप्त हो गई है।
केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार को लिखे पत्र में कहा, उत्तर प्रदेश सरकार के 12,00,000 इच्छुक परिवारों को सौभाग्य योजना के तहत विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के अनुरोध पर विचार के लिए आरईसी से प्रस्ताव मिला है। राज्य इन घरों के विद्युतीकरण के लिए कदम उठा सकता है। पत्र में कहा गया है कि हालांकि यह कुछ शर्तों पर निर्भर है। इसमें कहा गया है, विद्युत से वंचित जो परिवार पहले इसके लिए तैयार नहीं थे लेकिन अब तैयार हैं, उनकी पहचान 31 मार्च 2019 से पहले हुई हो और बिल भुगतान में चूक के कारण पूर्व में जिनके कनेक्शन काटे गए हैं, उन्हें योजना में शामिल नहीं किया जा सकता। पत्र के अनुसार इन घरों का विद्युतीकरण 2 अक्टूबर 2019 से पहले और हर हाल में 31 दिसंबर 2019 तक हो जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि देश भर में 2.62 करोड़ परिवारों को सौभाग्य योजना के तहत विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए गए। आधिकारिक आंकड़े के अनुसार इसमें से 79.8 परिवार उत्तर प्रदेश के थे।