लखनऊ। राम नवमी का हिंदू धर्म बहुत ज्यादा महत्व है। यह पर्व भगवान राम के जन्म का प्रतीक है, जो हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन साधक भगवान राम की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं, इस शुभ अवसर पर रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग पूरे दिन रहेगा। ऐसे में इस दिन आप किसी भी समय पूजा-पाठ व अन्य शुभ काम कर सकते हैं।
राम नवमी पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 06 अप्रैल को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए इस साल 06 अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी। वहीं, इस दिन पूजा का समय 06 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। वहीं, दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर मध्याह्न का समय है, जो भगवान श्रीराम का अवतरण समय भी है।
राम नवमी की पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। भगवान राम की मूर्ति स्थापित करें। उन्हें गंगाजल, पंचामृत, फूल, फल, चोला, तुलसी पत्र और मिठाई आदि चीजें अर्पित करें। रामचरितमानस का पाठ करें या सुनें। आरती से पूजा का समापन करें। पूजा के बाद जरूरतमंदों को क्षमता अनुसार दान-दक्षिणा दें।
राम नवमी का धार्मिक महत्व
राम नवमी का पर्व भगवान राम के आदर्शों और मूल्यों को याद करने का दिन है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। इस दिन भक्त भगवान राम की पूजा करते हैं और प्रभु की कृपा पाने के लिए उनके मंदिरों में जाते हैं। कहते हैं कि इस दिन ज्यादा से ज्यादा धार्मिक कार्यों से जुड़े रहना चाहिए। इससे जीवन में सुख-शांति आती है।
चैत्र नवरात्रि पर एक तिथि का क्षय
लखनऊ। चैत्र नवरात्रि इस साल 30 मार्च से शुरू हो रहे हैं। इस साल नवरात्रि 9 दिन के नहीं होंगे। इस बार नवरात्रि 8 दिन के होंगे। इस साल एक तिथि का क्षय होने के कारण नवरात्रि 8 दिन के होंगे। दरअसल इस बार पंचमी तिथि का क्षय है, इसलिए नवरात्रि की चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही दिन होगी। इसलिए इस बार आठ दिनों की होगी चैत्र नवरात्र। इस बार माता की सवारी अश्व पर आगमन तो भैंसा पर बैठ मां शेरावाली प्रस्थान करेंगी। चैत्र (वासंती) नवरात्र शुरू होने में कुछ दिन शेष हैं। मां शारदे की उपासना की तैयारी में श्रद्धालु जुट चुके हैं। आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना भक्त करेंगे। निर्णय सिंधु और पंचांगों के अनुसाल इस साल दो अप्रैल दिन बुधवार को चौथी और पंचमी की पूजा होगी। दोनों तिथि एक ही दिन है। इस साल कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च रविवार को है। कलश स्थापना प्रात:काल से मध्याह्न 2.25 तक किया जा सकता है। अभिजीत मुहूर्त (मध्याह्न) 11 बजकर 24 मिनट बजे से 12 बजकर 36 मिनट तक होगा। श्रद्धालुओं को शुभ मुहूर्त में ही कलश स्थापन करनी चाहिए। इस बार पंचमी और चतुर्थी एक दिन होने के कारण रामनवमी 6 अप्रैल को होगी। एक दिन का अंतर पड़ जाने के कारण इस बार छह अप्रैल को चैत्र नवमी है। इस दिन भगवान राम की पूजा होगी। हनुमान मंदिरों में पूजा-अर्चना करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। रानवमी के दिन नवरात्र का पारण किया जाता है। जिनके अष्टमी होती है वो 5 अप्रैल को व्रत का पराण करेंगे। इसके अलावा जिन लोगों के नवरात्र की नवमी होती है, वो अष्टमी का व्रत 5 अप्रैल को होगी।