सर्वदलीय बैठक में एक स्वर में बोला विपक्ष और सरकार
नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगानिस्तान की ताजा स्थिति से अवगत कराया और कहा कि सरकार वहां से भारतीयों को वापस लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है जहां स्थिति गंभीर है। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली इस बैठक के दौरन जयशंकर ने कहा कि सरकार ने तालिबान को लेकर देखो और प्रतीक्षा करो का रुख अपनाया है जो उभरती स्थिति पर निर्भर करेगा।
तालिबान को लेकर भारत के रुख के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति ठीक नहीं हुई है, इसे ठीक होने दीजिए। उन्होंने कहा कि आपको हमारी विदेश नीति से जुड़े सवाल पर संयम रखना होगा। जयशंकर ने बाद में अपने ट्वीट में कहा कि हमारी तात्कालिक चिंता वहां से बाहर निकालने के कार्य और अफगानिस्तान के लोगों के साथ मित्रता के दीर्घकालिक हितों से जुड़ी हैं। पिछले सप्ताह तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने की पृष्ठभूमि में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राजनीतिक दलों के नेताओं को उस देश के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी।
दस्तावेज के मुताबिक, सरकार ने अन्य एजेंसियों के माध्यम से भारतीयों को निकालने की सुविधा भी उपलब्ध करायी। इस महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टी आर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल सहित कुछ अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार सभी भारतीयों को अफगानिस्तान से वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री जयशंकर ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि इस बारे में (अफगानिस्तान के बारे में) सभी दलों के विचार समान हैं,
हमने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय एकता की भावना से बात की। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के बारे में हमारी मजबूत राष्ट्रीय दृष्टि है और अफगानिस्तान के लोगों के साथ मित्रता हमारे लिये महत्वपूर्ण है। आपरेशन देवीशक्ति के माध्यम से सरकार से छह उड़ानें संचालित की है और अधिकतर भारतीयों को वापस लाई है, लेकिन अभी सभी भारतीयों को वापस नहीं लाया जा सका है। अभी भी कुछ भारतीय वहां हैं। जयशंकर ने कहा कि कुछ लोग कल की उड़ान पर सवार नहीं हो सके,