लखनऊ। हाथरस कांड और कृषि संबंधी नए कानून के विरोध में मौन व्रत पर बैठने के लिए जा रहे समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को हजरतगंज इलाके में पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया। कई सपा विधायक और वरिष्ठ पार्टी नेता पार्टी कार्यालय से जुलूस के रूप में पार्टी कार्यालय से निकले और हजरतगंज चौराहे तक पहुंचे जहां पुलिस ने मार्ग अवरोधक लगा रखे थे।
दरअसल जब सपा कार्यकर्ताओं ने हजरतंगज स्थित गांधी प्रतिमा तक जाने का प्रयास किया तो उन्हें रोक दिया गया। इस पर पार्टी नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच बहस हुई। सपा नेताओं के अनुसार उन्हें वहां से हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, हमने कुछ सपा विधायकों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। उन्हें हजरतगंज से दूर ले जाया गया है। यह कानून व्यवस्था की स्थिति को न बिगडऩे देने के लिए किया गया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, आज हाथरस की बेटी के लिए मौन व्रत रखने और धरने पर बैठने जा रहे सपा के वरिष्ठ नेताओं व विधायकों को भाजपा सरकार ने गिरफ़्तार करके बापू-शास्त्री की जंयती के दिन सत्य की आवाज़ अहिंसक तरीक़े से दबाई है। निंदनीय सपा हाथरस के डीएम, एसपी पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करती है।
शुक्र है ‘सियासतदारों’ का कि उन्होंने ये नहीं कह दिया
अंधेरों में मक़्तूल ने ख़ुद को ‘हवाले-ए-आग’ कर दिया pic.twitter.com/AhklEZvR08— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 2, 2020
समाजवादी पार्टी कार्यालय की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया, लखनऊ में शांतिपूर्ण पैदल मार्च कर रहे सपा विधायकों को पुलिस द्वारा दमनकारी सत्ता के इशारे पर रोकना निंदनीयउ बापू ने सदा अहिंसा का वरण किया, हाथरस में हैवानियत की शिकार बेटी के समर्थन में और भाजपा सरकार के अत्याचार के खिलाफ गांधी प्रतिमा तक मार्च निकाल रहे विधायकों को अहंकारी, डरी हुई सरकार ने रोका।