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परेशान लोग विधान भवन के सामने आत्मदाह करने को हैं मजबूर
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में जनता बुरी तरह त्रस्त है। कमजोरो पर भाजपा सरकार की दहशतगर्दी इतनी बढ़ी हुई है कि लोग विधान भवन के सामने ही आत्मदाह करने को मजबूर हो रहे हैं।
विधान भवन और लोक भवन आमने-सामने हैं जहां मुख्यमंत्री सहित उनका मंत्रिमण्डल और मुख्यसचिव सहित सभी शीर्ष विभागीय अधिकारी बैठते हैं। इस सबके बावजूद प्रदेश का विकास ठप्प है। जनता मंहगाई, बेकारी, लूट, हत्या, अपहरण से डरी और सहमी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिलाओं और बच्चियों को आए दिन छेड़छाड़ और दुष्कर्म का शिकार होना पड़ रहा है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मान लिया है कि प्रदेश में उनकी सरकार के दिन गिने-चुने रह गये हैं। हर मोर्चे पर विफलता के नाते वे आने वाले आम चुनाव में टिक नहीं पाएंगे, इसलिए इन दिनों वे बिहार में चुनाव प्रचार में लग गये हैं। न यहां रहेंगे, न जनता की चीख पुकार सुनाई देगी।
अखिलेश ने कहा कि जिलों में कहीं सुनवाई न होने, न्याय न मिलने से परेशान लोगों को आत्मदाह के अलावा दूसरा रास्ता नहीं सूझता है। कमजोरों पर सरकार का अत्याचार बढ़ता जा रहा है। दलितों पर अत्याचार के मामले सभी हदें पार कर गये हैं। बाराबंकी में दुकान पर कब्जे और लखनऊ में मकान मालिक के उत्पीड़न से क्षुब्ध लोगों ने सोमवार को आत्मदाह का रास्ता अपनाया। महाराजगंज से आई एक महिला ने भी खुद को आग लगा ली थी। प्रदेश के सबसे ज़्यादा सुरक्षित क्षेत्र में आत्मदाह की घटनाएं सरकार के संवेदनहीन एवं अमानवीय होने का प्रमाण है।
सपा मुखिया ने कहा कि असलियत में भाजपा के पास कोई योजना नहीं होने से इसका नेतृत्व हताशा में डूब गया है। मुख्यमंत्री ने यह फार्मूला अपना रखा है ‘जनता के नाम जो समाजवादी पार्टी का काम, बस उसे कर लेना है अपने नाम’। सपा सरकार ने कैंसर अस्पताल बनवाया, चार साल होने को है भाजपा सरकार सोई रही। अब जब बिदाई की बेला आ गई है तो मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री, जो लखनऊ के सांसद भी हैं, सपा सरकार के काम पर अपने नाम का पत्थर लगवा रहे है। जनता की याददाश्त इतनी खराब नही कि वह साढ़े तीन साल में ही कैंसर अस्पताल के निर्माणकर्ता का नाम भूल जाये।