गाजीपुर/बलिया (उप्र)। गाजीपुर जिला प्रशासन ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की पत्नी और बेटों के नाम कथित तौर पर अवैध रूप से बने होटल को रविवार को जमींदोज कर दिया। मुख्तार के भाई एवं बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने रविवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर उनके परिवार के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया।
गाजीपुर से मिली खबर के मुताबिक रविवार को जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की देखरेख में गाजीपुर नगर के बीचोंबीच स्थित महुआबाग में बने गजल होटल को ध्वस्त कर दिया गया। इस अवैध निर्माण को हर तरह से अवैध बताते सदर परगना मजिस्ट्रेट ने पिछले माह ही ध्वस्त करने का फैसला सुनाया था। यह होटल मुख्तार अंसारी की पत्नी और दो बेटों के नाम से बना था।
प्रदेश सरकार के माफिया तत्वों के विरुद्घ चलाए जा रहे अभियान के तहत दो माह पूर्व गाजीपुर नगर में बने गजल होटल की नापजोख की गई थी। उस समय यह बात प्रकाश में आई थी कि मौजा मोहम्मद पट्टी के राजस्व अभिलेखों में गाटा संख्या 98 व 99 बंजर दर्ज है। इस सरकारी भूमि को रविंद्र कुमार पुत्र राम कुमार राय व श्रीकांत पुत्र काशीनाथ उपाध्याय तथा नंदलाल पुत्र देवनाथ ने बिना किसी वैधानिक अधिकार के 29 अप्रैल 2005 को मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी, उनके दो बेटों उमर अंसारी व अब्बास अंसारी को बैनामा कर दिया।
यह धोखाधड़ी का मामला प्रशिक्षु आईएएस एसडीएम गाजीपुर प्रभाष कुमार की अदालत में चला। अदालत ने सारे तथ्यों पर विचार करते हुए गजल होटल को अवैध पाते हुए उसे ध्वस्त करने का आदेश पिछले माह पारित किया। पीड़ित पक्ष मामले को लेकर उच्च न्यायालय चला गया। न्यायालय ने उन्हें आदेश दिया कि वह नियमानुसार जिलाधिकारी गाजीपुर के यहां अपील करें।
जिलाधिकारी को अपील 10 दिनों में निस्तारित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने भी अपील को बीते शनिवार को खारिज कर दिया। आज प्रशासन भारी पुलिस बल और पोकलैंड मशीन सहित पहुंचकर दोपहर तक प्रथम तल पर बने गजल होटल को ध्वस्त कर दिया। उत्तर दक्षिण का भी काफी भाग ध्वस्त हुआ।
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने ट्वीट किया कि मुख्तार अंसारी के इस अवैध निर्माण के ध्वस्त होने से माफिया तत्वों में भय है। इस बीच, गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने योगी सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि निर्भया के गुनहगारों को भी स्थानीय अदालत से लेकर उच्चतम न्यायालय तक अपील का मौका मिला था लेकिन योगी सरकार ने अंसारी परिवार के विरुद्ध राजनीतिक बदले की कार्रवाई में संवैधानिक परम्पराओं और कानूनों को पूरी तरह ताक पर रख दिया है।





