नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर गुरुवार को उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें अपने पिता की कमी हमेशा महसूस होती है।
उन्होंने ट्वीट किया, राजीव गांधी समय से आगे और दूरद्रष्टा थे। साथ ही वह दयालु और स्नेह करने वाले इंसान थे। यह मेरे लिए सौभाग्य और गौरव की बात है कि वह मेरे पिता हैं। हमें उनकी कमी आज के दिन और रोजाना महसूस होती है। राहुल गांधी ने वीरभूमि पहुंचकर राजीव गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किया।
प्रियंका ने ट्विटर पर पिता के साथ अपने बचपन की की एक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में वह हाथों में तिरंगा लिए हुए नजर आ रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए कहा, राजीव गांधी जी का राजनीतिक जीवन छोटा था, लेकिन इस अल्प समय में भी उन्होंने देश की प्रगति को नई दिशा प्रदान की। उनका मानना था कि भारत की एकता उसकी विविधता के कारण और मजबूत होती है। उनके आदर्शों पर अमल करना ही हमारी ओर से उन्हें सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, राजीव गांधी जी की अगुवाई में देश आधुनिक भारत बनकर 21वीं सदी की तरफ बढ़ा था। राजीव गांधी ने आईटी के क्षेत्र में देश को महाशक्ति बनाने का सपना देखा था। वह आज भी देश के लोगों के दिल में बसे हैं।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री, सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार क्रांति के जनक, जिन्होंने 21वीं सदी के आधुनिक भारत की नींव रखकर आधुनिकता की छाप छोड़ी, भारत रत्न राजीव गांधी जी को उनकी जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।
राजीव गांधी की जयंती पर भारतीय युवा कांग्रेस ने देश के विभिन्न हिस्सों में पौधारोपण, पौधा वितरण, रक्तदान शिविर और ऑनलाइन क्विज का आयोजन किया। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा, राजीव जी एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जो गांव और शहर के बीच की खाई को पाटना चाहते थे।
उन्होंने 18 साल के युवाओं को मतदान का अधिकार दिया और साथ ही सूचना क्रांति, पंचायती राज व्यवस्था से देश को नई दिशा दी। राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर 1984 से 1989 तक देश का नेतृत्व किया। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 1991 में उनकी हत्या कर दी गई थी।