दूसरे राज्यों से पैदल न आने दिया जाये, हाल में रोका जाये पलायन
आगरा, कानपुर, मेरठ में भेजी जायें हाई लेवल मेडिकल टीम
वरिष्ठ अधिकारीयों को दिए गये कैंप करने के निर्देश
लखनऊ। सड़क रास्ते प्रदेश में वापस आने वाले प्रवासियों की दुर्घटनाओं में हुईं मौतों और आगरा, मेरठ जैसे जिलों में कोरोना संक्रमण के कारण बिगड़ते हुए माहौल के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कई महत्त्वपूर्ण निर्देश जारी किये हैं।
प्रवासियों की सकुशल एवं सुरक्षित प्रदेश वापसी के लिए प्रतिबद्धता को दोहराते हुए योगी ने निर्देश दिए हैं कि विभिन्न राज्यों से उत्तर प्रदेश लौटने वाले श्रमिकों और कामगारों की एक सूची उपलब्ध करायी जाए, ताकि उन्हें सुरक्षित वापस लाया जा सके। लाॅकडाउन का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। अन्तर्राज्यीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं पर विशेष सतर्कता बरती जाय। साथ ही, विभिन्न राज्यों की सीमाओं से कोई भी व्यक्ति पैदल न चले, हर हाल में पलायन को रोका जाए।
इसके साथ मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में कोरोना से बिगड़ते हालात के मद्देनज़र संक्रमण के फैलाव को रोकने तथा परिस्थिति की माॅनीटरिंग के लिए आगरा, मेरठ और कानपुर जिलों में एक उच्च स्तरीय मेडिकल टीम भेजने के भी निर्देश दिए हैं। सभी अस्पतालों में पीपीई किट, एन-95 मास्क, सेनिटाइजर सहित अन्य सभी ज़रूरी वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा करते योगी ने आगरा में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे को कैम्प करने के निर्देश दिए। साथ ही, पीजीआई से एक वरिष्ठ डाॅक्टर तथा पुलिस अधिकारी को भी भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद मेरठ में प्रमुख सचिव सिंचाई टी वेंकटेश के साथ चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को कैम्प करने के निर्देश दिए।
नर्सिंग, डेंटल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थापित हों एल-1 हॉस्पिटल
मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण की जांच के लिए टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने पूल टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्यों से संवाद बनाने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया है। डाॅक्टरों, पैरामेडिक्स के साथ-साथ सभी डिग्री व इन्टर काॅलेजों के प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षित करने के भी निर्देश दिए हैं।
योगी ने कहा कि सभी जिलों में मौजूद वेंटिलेटर्स को फंक्शनल किया जाए। इसके अलावा एनेस्थीशिया डाॅक्टरों की सूची भी बना ली जाए। उन्हें ट्रेनिंग देकर वेण्टीलेटर्स संचालित कराए जाएं। उन्होंने इमरजेंसी मेडिकल सेवाएं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित प्रोटोकाॅल के अनुसार संचालित करने के निर्देश दिए। साथ ही, कहा कि नर्सिंग, डेन्टल तथा इंजीनियरिंग काॅलेजों में एल-1 कोविड अस्पताल स्थापित किए जाएं, ताकि किसी भी आकस्मिकता से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि पुलिस बल को इन्फेक्शन से बचाने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कम्युनिटी किचन में साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही, इन्हें सेनिटाइज भी किया जाए। इन किचन के माध्यम से जरूरतमंदों को अच्छा भोजन पर्याप्त मात्रा में देना सुनिश्चित किया जाए। सभी प्रवासी श्रमिकों व कामगारों का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाए। अस्वस्थ होने की दशा में उन्हें उपचारित किया जाए। सभी स्वस्थ प्रवासी श्रमिकों और जरूरतमंदों को घर भेजते समय खाद्यान्न की किट एवं भरण-पोषण भत्ता भी उपलब्ध करवायें।
योगी ने सभी जिलों में लगातार साफ-सफाई व सेनिटाइजेशन सुनिश्चित करने के साथ ही, कम्युनिटी किचन में खाना बनाने वालों का प्रतिदिन स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए कहा। उन्होंने डोर स्टेप डिलीवरी तथा सप्लाई चेन को मजबूत करने के निर्देश दिए। लोगों के बीच राज्य के आयुष विभाग द्वारा लाॅन्च किए गए ‘आयुष कवच कोविड’ एप को प्रोत्साहित करने के लिए कहा। इससे लोगों को अपनी इम्युनिटी बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी, क्योंकि इसमें आयुर्वेद एवं योग के सम्बन्ध में काफी जानकारी मौजूद है।




