लखनऊ। शुक्रवार 22 अगस्त को कृष्ण की छठी मनाई जाएगी। छठी के दिन शहर के मंदिरों व घरों में कान्हा की विशेष पूजा अर्चना की जायेगी। हिंदू धर्म में 16 संस्कारों का बहुत महत्व है। 16 संस्कारों की शुरूआत गर्भ से शुरू हो जाता है। फिर जन्म से लेकर मृत्यु तक 16 संस्कार पूरे किये जाते है। ये संस्कार मनुष्य और देव दोनों के लिए होता है। जैसे हम अपने बच्चे के लिए छठी मनाते है। वैसे ही कृष्ण की भी छठी मनाई जाती है। इस दिन लोग लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं और कान्हा के नामकरण संस्कार को पूरा करते हैं। कान्हा की छठी भी जन्माष्टमी के छठे दिन ही मनाई जाती है। इस दिन लोग घरों में कढ़ी चावल बनाकर भोग लगाते है और खाते है।
लड्डू गोपाल की छठी का महत्व:
हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के छह दिन बाद षष्ठी देवी की पूजा का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार षष्ठी देवी की कृपा से राजा प्रियव्रत का मृतपुत्र दोबारा जीवित हो गया था। पुराणों में षष्ठी देवी को बच्चों की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। कहते हैं कि इनकी पूजा करने से नवजात शिशु पर कोई आंच नहीं आती।
लड्डू गोपाल को छठी में किन चीजों का भोग लगाना चाहिए:
भगवान कृष्ण की छठी पर कढ़ी चावल का भोग अत्यंत शुभ माना गया है। इसके अलावा आप माखन, मिश्री व मालपुआ आदि का भोग लगा सकते हैं।
पूजा की विधि:
जिस दिन कान्हा की छठी मनाई जाती है उस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें, कृष्ण का पसंदीदा पंचामृत से लड्डू गोपाल को स्नान कराया जाता है। स्नान करवाते समय लड्डू गोपाल के मुख के तरफ से स्नान करवाये, ध्यान रहें पीठ की तरफ से स्नान करना वर्जित है। फिर शंख में गंगाजल भरकर लड्डू गोपाल से स्नान कराया जाता है। उसके बाद भगवान को पीले रंग के वस्त्र पहना कर श्रृंगार किया जाता है। काजल का टीका लगाया जाता है। फिर लड्डू गोपाल को माखन.मिश्री भोग लगाया जाता है। कृष्ण के नामों में से कोई एक नाम से नामकरण किया जाता है। इसके बाद कढ़ी.चावल का भोग लगाया जाता है और प्रसाद स्वरुप खाया जाता है। इस दिन ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में धन.धान्य का भंडार भरा रहता है।
लड्डू गोपाल की छठी के दिन क्या करें:
इस दिन सुबह से शाम तक भजन कीर्तन करें। झूठ ना बोले और न कोई अपराध करें। ईष्या द्वेष से खुद को दूर रखें। दूसरों को भोजन करायें और गौ सेवा करें। जन सरोकार के लिए सुख.सुविधाओं के त्याग की भावना मन में रखें । इस दिन घर में बांसूरी जरूर लाएं। लड्डू गोपाल की छठी के दिन कुंटूंब जनों को प्रसाद वितरण करें। मांस मदिरा के सेवन से दूर रहें और दुष्टजनों का त्याग करें। माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा का सकंल्प ले। घर से किसी को भी खाली हाथ न जाने दें।
खाटू श्याम मंदिर में श्री कृष्ण छठी महोत्सव आज:
श्री श्याम भक्त परिवार की ओर से श्री श्याम परिवार के सान्निध्य में श्री कृष्ण छठी महोत्सव का आयोजन 22 अगस्त को श्री खाटू श्याम मंदिर, बीरबल साहनी मार्ग, लखनऊ में किया जायेगा। मीडिया प्रभारी मोहित मित्तल ने बताया कि भक्त परिवार द्वारा बाबा श्याम का उत्सव बहुत ही प्रेम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा। मीडिया प्रभारी मोहित मित्तल ने बताया कि उत्सव का शुभारम्भ शाम 7 बजे श्री श्याम प्रभु खाटू वाले के पूजन से किया जायेगा भक्त परिवार के प्रेम अग्रवाल ने बताया कि मंदिर प्रांगण को कोलकाता के कारीगरों द्वारा कोलकाता से विशेषतौर पर मंगाये गये रंग-बिरंगे, देशी-विदेशी फूलों, रंग-बिरंगी चमचमाती लाइटों, रंगीन गुब्बारों, विभिन्न प्रकार की टॉफियों एवं खिलौनों से सजाया जाएगा जोकि आकर्षण का केंद्र होगा। मध्यरात्रि में बाबा श्याम को छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा जो आरती होने के तत्पश्चात भक्तों में बांट दिया जाएगा। भक्त परिवार के मीडिया प्रभारी मोहित मित्तल ने बताया कि उत्सव का समापन श्याम प्रभु से फूलों की होली के बाद प्रभु की महाआरती से होगा उन्होंने बताया कि हर भक्त को प्रसाद मिले इसके लिये भक्त परिवार द्वारा विशेष व्यवस्था की जा रही है।
श्याम मंदिर में भजन संध्या
बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री श्याम मंदिर में श्री कृष्णा छठी उत्सव पर श्री श्याम भक्त परिवार द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया ।
श्री श्याम परिवार महामंत्री रुपेश अग्रवाल ने बताया कि सुप्रसिद्ध भजन गायिका उदयपुर से केमिता राठौर, लखनऊ से धीरज तिवारी, उड़ीसा से शुभांगी सोनी ने भजनों का गुलदस्ता श्री श्याम के चरणों में पेश किया।
कान्हा की छठी पर 5 चीजों का लगायें भोग, होगा शुभ
लखनऊ। लड्डू गोपाल की छठी जन्माष्टमी के 6 दिन बाद यानी 22 अगस्त को है। लड्डू गोपाल की सेवा लोग अपने बच्चे की तरह करते हैं इसलिए उनकी छठी भी अपने बच्चे की तरह पूरे विधि विधान के साथ मनाते हैं। बता दें कि सनातन धर्म में बच्चे होने के छह दिन बाद छठी मनाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, बच्चे होने के छह दिन बाद उसकी शुद्धि की जाती है। जोकि छह दिन बाद होती है तो इसलिए इसे छठी कहा जाता है। साथ ही इस दिन कढ़ी चावल और बाकी पकवान बनाए जाते हैं। कढी इस दिन इसलिए बनाई जाती है क्योंकि वह बेसन और दही से बनती है और बेसन और दही दोनों को ही ठंडा माना जाता है। आइए जानते हैं लड्डू गोपाल की छठी के दिन उन्हें कढ़ी चावल के साथ साथ और कौनसी चीजों का भोग लगाना चाहिए।
लड्डू गोपाल को लगाएं कढ़ी चावल का भोग
लड्डू गोपाल की छठी के दिन जो कढ़ी चावल बनाए जाते हैं उसमें प्याज लहसुन का प्रयोग न करें। घर के मसालों का इस्तेमाल करते हुए कढ़ी बनाई जाती है। ऐसा मान्यता है कि इस तरह बनाए गए कढ़ी चावल से शीतलता मिलती है।
लड्डू गोपाल को लगाएं मखाने की खीर का भोग
लड्डू गोपाल को मखाने की खीर का भोग भी लगाना जरूरी है। इस दिन मखाने की खीर लड्डू गोपाल को काफी प्रिय है। इसलिए छठी के दिन उन्हें मखाने की खीर का भोग जरुर लगाए।
धनिया की पंजीरी
लड्डू गोपाल को धनिया पंजीरी बहुत ही पसंद है। उनकी छठी के दिन धनिया की पंजीरी का भोग जरूर लगाना चाहिए।
माखन मिश्री
लड्डू गोपाल को माखन मिश्री बहुत ही प्रिय हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण अपने बचपन में माखन चुरा कर भी खाया करते थे। इसलिए छठी के दिन उनके लिए माखन मिश्री का भोग जरूर लगाएं। साथ ही पंच मेवे का भोग भी लड्डू गोपाल को जरुर लगाएं.