कोलकाता पूरे पूर्वी भारत की प्रगति को नेतृत्व दे सकता है : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश का एक ऐसा स्वर्णिम इतिहास रहा है, जिसका नेतृत्व भारत के पूर्वी हिस्से ने किया था और केंद्र सरकार लंबे समय से उपेक्षित रहे इस क्षेत्र के तेज विकास के लिए काम कर रही है जिसमें कोलकाता अग्रणी भूमिका निभा सकता है। उत्कल केसरी हरे कृष्ण महताब द्वारा लिखित पुस्तक ओडिशा इतिहास के हिंदी संस्करण का यहां स्थित आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में विमोचन करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार का प्रयास एक वाइब्रेंट कोलकाता के निर्माण का है और रोडमैप पर काम हो रहा है।

उन्होंने कहा, आज मुंबई की चर्चा होती है…आजादी के पहले कराची और लाहौर की चर्चा होती थी… धीरे-धीरे बेंगलुरु और हैदराबाद की चर्चा होने लगी… चेन्नई की होने लगी … लेकिन हिंदुस्तान की प्रगति और अर्थव्यवस्था में कोलकाता की चर्चा बहुत याद करने के बाद की जाती है। मोदी ने कहा, जबकि वाइब्रेंट कोलकाता … भविष्य को लेकर सोचने वाला कोलकाता, सिर्फ बंगाल ही नहीं, पूरे पूर्वी भारत की प्रगति के लिए बहुत बड़ा नेतृत्व दे सकता है। हमारी कोशिश है कि कोलकाता फिर से एक बार वाइब्रेंट बने।

एक प्रकार फिर से पूर्वी भारत के विकास के लिए कोलकाता एक शक्ति केंद्र बने। इस पूरे रोडमैप को लेकर हम काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव चल रहे हैं और वहां की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है। मोदी ने कहा कि ओडिशा के पास पहले से ही प्राकृतिक संसाधन, व्यापक समुद्री सीमा और मानव संसाधन उपलब्ध हैं और आज हमारे पास आधुनिक विज्ञान की ताकत भी है।

उन्होंने कहा, अगर हम अपने इस प्राचीन अनुभव और इन आधुनिक संभावनाओं को एक साथ जोड़ दें तो ओडिशा विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंच सकता है। आज इस दिशा में गंभीर प्रयास हो रहे हैं तथा और अधिक प्रयास करने की दिशा में भी सरकार सजग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वी भारत, वह चाहे ओडिशा हो या बिहार, बंगाल और असम हो, अकेला यह इलाका ही विकसित हो जाए तो हिंदुस्तान कभी पीछे नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि देश में संतुलित विकास हो, इसके लिए छह सालों के दौरान इन क्षेत्रों में संसाधनों पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। मोदी ने कहा, भारत का स्वर्णिम युग तब था जब भारत का पूर्वी हिस्सा देश का नेतृत्व कर रहा था। ओडिशा, बिहार, कोलकाता… यह सब भारत का नेतृत्व करने वाले केंद्र बिंदु थे। उस समय भारत का स्वर्णिम काल…, मतलब यहां आज भी बहुत संभावनाएं हैं। इसे लेकर आगे बढ़ते हैं तो हम फिर से उस ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने पूर्वाेत्तर और पूर्वी क्षेत्र में बुनियादी ढांचा और उद्योगों के विकास के लिए विशेष परियोजनाएं शुरू की हैं। वहां आज राष्ट्रीय राजमार्ग, तटवर्ती जलमार्ग तथा तेल और गैस पाइपलाइन का व्यापक नेटवर्क उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में नई योजनाओं और परियोजनाओं को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। मोदी ने कहा कि सरकार देश के तटवर्ती क्षेत्रों में रह रहे मछुआरों के हित में नीली क्रान्ति के लिए प्रतिबद्ध है।

ओडिशा इतिहास पुस्तक का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा का व्यापक और विविधताओं से भरा इतिहास देश के लोगों तक पहुंचे, यह बहुत आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर स्वतंत्रता संगाम और उसके बाद ओडिशा के विकास में, इस किताब के रचनाकार उत्कल केसरी हरेकृष्ण महताब के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वह ऐसे बिरले नेताओं में से थे जो देश की आजादी के लिए तो जेल गए, आपातकाल का विरोध कर लोकतंत्र को बचाने के लिए भी जेल गए।

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