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कानपुर प्रकरण : सपा प्रमुख अखिलेश ने योगी सरकार पर साधा निशाना

लखनऊ। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों का मारा जाना इस बात का गवाह है कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ठोको नीति पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। यादव ने मांग की कि मारे गए कुख्यात अपराधी विकास दुबे के पिछले सालों के फोन रिकार्ड (सीडीआर) निकाले जाएं और उसे सार्वजनिक किया जाए।

यादव ने दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि अब यह जरूरी हो गया है कि पुलिस और राजनीतिक दलों के नेताओं के गठजोड़ का भांडा फोड़ किया जाए और यह पता लगाया जाए कि किसने दुबे की मदद की और किसने उससे लाभ प्राप्त किया। उल्लेखनीय है कि विकास दुबे 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।

यादव ने कहा कि योगी जी की ठोको नीति नाकाम साबित हुई है, अगर यह नीति कामयाब होती तो अपराधियों में इसका खौफ होता है और कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की मुठभेड़ में मौत न होती। पुलिस को छूट देना ठीक है लेकिन इसमें समय समय पर उपर से नीचे तक प्रभावी निगरानी भी जरूरी है। दुबे के मारे जाने की मुठभेड़ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, अगर हम कहेंगे यह फर्जी है तो वे कहेंगे कि हम एक अपराधी को बचा रहे है। अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच हो जाए तो सच्चाई सामने आ जायगी।

उन्होंने इन आरोपो से पूरी तरह से इंकार किया कि दुबे समाजवादी पार्टी में था और उसकी पत्नी को पंचायत चुनाव में पार्टी का टिकट दिया गया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने दुबे की मां पर दबाव बनाया कि वह समाजवादी पार्टी का नाम लें। जहां तक दुबे की पत्नी को सपा का टिकट देने की बात है तो यह सच नही है। पंचायत चुनाव में हमारी पार्टी ने सुधा यादव को समर्थन दिया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि बहुत से राज खुल जाने के डर से सरकार ने दुबे को मरवा दिया। सपा अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर कोरोना संक्रमण न रोक पाने पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार आंकड़ों में हेराफेरी करना बंद कर दे तो उप्र सभी रिकार्ड तोड़ देगा। और उप्र की वजह से भारत विश्व रिकार्ड तोड़ देगा। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर है।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार सप्ताह में चार दिन काम की नीति लाए और हल्के लक्षणों वाले रोगियों को घर में ही पृथक-वास में भेजे और गंभीर लक्षणों वाले रोगियों को ही भर्ती करें। समाजवादी पार्टी के भविष्य के बारे में बात करते हुए पार्टी प्रमुख ने कहा कि इस बात का निर्णय ले लिया गया है कि उन्ही लोगो को टिकट दिया जाएगा जिनकी छवि जनता के बीच अच्छी है। दागी लोगों के लिए पार्टी में कोई जगह नही है।

उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव में किसी भी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन नही होगा, केवल छोटे दलों के साथ तालमेल हो सकता है। अपने पूर्व के गठबंधो के अनुभवों को साझा करते हुए यादव ने कहा कि हां हम 2014, 2017 और 2019 में चुनाव हारें। हमने इससे काफी अनुभव लिया और आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी एक बार फिर वापस आएगी और 403 में से 351 सीटे जीतेगी। उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रदेश में सक्रिय होने का स्वागत करते हुए कहा कि सभी पार्टियों को इस सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

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