लखनऊ। अपनी खुश्बू से दुनिया भर को महकाने वाले कन्नौज के इत्र उद्योग को लॉकडाउन से करीब 300 से 400 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। इतना ही नहीं इत्र कारोबार से जुड़े हजारों किसान और मजदूर भी बेरोजगार हो गए है। इत्र उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों का कहना है कि अगर जल्द हालात ठीक नहीं हुए तो इस नुकसान की भरपाई में बहुत समय लगेगा और इससे इत्र और उससे जुड़े अन्य उत्पादों जैसे कि अगरबत्ती आदि उद्योग को भी भारी नुकसान पहुंचेगा।
लखनऊ से तकरीबन 120 किमी दूर स्थित कन्नौज को भारत की इत्र की राजधानी कहा जाता है। यहां इत्र और उससे जुड़े अन्य उद्योगों की संख्या करीब 350 है। इसमें से सौ इत्र बनाने की बड़ी ईकाइयां हैं। कन्नौज इत्र व परफ्यूम्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष और सचिव पवन त्रिवेदी ने शुक्रवार को भाषा से विशेष बातचीत में बताया, कन्नौज में गुलाब, बेला, हिना, खस, शमामा मौसरी आदि सैकड़ों किस्म के एक से एक नायाब इत्र बनते हैं और यह इत्र खाड़ी के देशों में तो जाते ही हैं साथ ही साथ यूरोप के कई देशों में भी जाते है। यूरोप के देशों में इसका इस्तेमाल परफ्यूम में मिलाने के लिया किया जाता है।
लेकिन खाड़ी देशों में इत्र का इस्तेमाल वहां के अमीर गरीब वर्ग सभी करते है। त्रिवेदी बताते है, कन्नौज का इत्र उद्योग लॉकडाउन से पहले ही काफी मंदा पड़ गया था क्योंकि अधिकतर देशों की विमान सेवा बंद हो गई थी और हमारा इत्र विदेशों में जाना कम हो गया था। लॉकडाउन के बाद तो उद्योग पूरी तरह से ठप्प हो गया है। कन्नौज के इत्र का इस्तेमाल पूरे देश में अगरबत्ती उद्योग, अच्छे पान मसाले व तंबाकू उद्योग में भी किया जाता है।