लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 24 अगस्त को राज्यसभा की एक सीट के लिये होने वाले उपचुनाव के लिये भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जय प्रकाश निषाद ने गुरुवार को विधान भवन में नामांकन पत्र दाखिल किया।
यूपी से राज्यसभा सीट पर उप चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 13 अगस्त ही है। उनका निर्विरोध जीतना तय है। वरिष्ठ समाजवादी नेता बेनी प्रसाद वर्मा के निधन से रिक्त हुई थी।
निषाद के नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, सुरेश खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, स्वामी प्रसाद मौर्य, रमापति शास्त्री, मुकुट बिहारी वर्मा, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, स्वाति सिंह, जेपीएस राठौर और विजय बहादुर पाठक समेत कई नेता मौजूद थे।
जयप्रकाश निषाद इस समय भाजपा की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष हैं और गोरखपुर उनका कार्यक्षेत्र है।
निषाद पहले बहुजन समाज पार्टी में थे। 2008-09 में वह बसपा सरकार में राज्य मंत्री रहे थे। पूर्वांचल के दिग्गज नेताओं में उनका नाम है। वह बसपा के टिकट पर 2012 में चौरीचौरा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। बसपा छोड़ने के बाद निषाद थोड़े समय के लिए सपा में भी रहे।
निषाद फरवरी 2018 में भाजपा में शामिल हो गये थे। इसके बाद 11 मार्च 2018 को होने वाले गोरखपुर लोकसभा के उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी उपेन्द्र शुक्ल के प्रचार में लगे। निषाद मल्लाह समुदाय से हैं।
उनको राज्यसभा भेजने की वजह ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने की भाजपा की नीति मानी जा रही है। अति पिछड़ों में पकड़ मजबूत करने के साथ पूर्वांचल में पार्टी को ताकत देने की रणनीति को आगे बढ़ाया है। कहा जा रहा है कि बिहार चुनाव में भी भाजपा इसका फायदा उठा सकती है।
बिहार में ओबीसी की अच्छी खासी आबादी है। निषाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी करीबी माने जाते हैं। उनके क्षेत्र (गोरखपुर) में भाजपा का काम वही देखते हैं।